नामदेव

नामदेव के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

नामदेव के बुंदेली अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • दर्जियों की जाति द्वारा धारित उपनाम क्योंकि संत नामदेव दर्जी जाति में पैदा हुए

नामदेव के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • कृष्ण के उपासक एक प्रसिद्ध भक्त । विशेष—नाभा जी कृत भक्तमाल में इनकी कथा इस प्रकार लिखी है । नामदेव वामदेव जी के नाती (दौहित्र) थे । वामदेव कृष्ण के उपासक थे उसके नामदेव में भी बाल्यावस्था से ही कृष्ण की सच्ची भक्ति थी , वामदेव कुछ दिनों के लिये बाहर गए और अपने दौहित्र नामदेव से कृष्ण की प्रतिमा को प्रति दिन दूध चढ़ाने के लिये कहते गए , नामदेव ने मूर्ति के आगे दूध रखा और पीने की प्रार्थना का , जब मूर्ति ने दूध न पिया तब नामदेव आत्महत्या करने पर उद्यत हुए , इस पर कृष्ण भगवान् ने प्रकट होकर दूध पिया , वामदेव जब लौटकर आए तब उन्हें यह व्यापार देख बड़ा आश्चर्य हुआ , धीरे धीरे यह बात बादशाह के कानों तक पहुँची , उसने नामदेव को बुलाकर करामात दिखाने के लिये कहा , नामदेव ने स्वीकार नहीं किय , एक दिन संयोगवश एक गाय का बछड़ा मर गया और वह उसके शोक में बहुत व्याकुल हुई , नामदेव ने बछड़े को जिला दिया
  • महाराष्ट्र देश के एक प्रसिद्ध कवि जो सन् १३०० के लगभग वर्तमान थे

नामदेव के ब्रज अर्थ

पुल्लिंग

  • एक प्रसिद्ध कृष्णोपासक भक्त

    उदाहरण
    . प्रीति जानि हरि गए बिदुर के, नामदेव घर छायो।

नामदेव के तुकांत शब्द

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