नामरूप

नामरूप के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

नामरूप के अँग्रेज़ी अर्थ

Noun, Masculine

  • name and form

नामरूप के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • सबसे आधार स्वरूप अगोचर वस्तु तत्व के परिवर्तनशील नाम, रूप या आकार जो इंद्रियों को जान पड़ते हैं तथा उनके भिन्न-भिन्न नाम जो भेदज्ञान के अनुसार रखे जाते हैं

    विशेष
    . वेदांत के अनुसार एक ही अगोचर नित्य तत्व है। जो अनेक भेद दिखाई पड़ते हैं वे वास्तिविक नहीं हैं। वे केवल रूपों या आकारों के कारण हैं जो इंद्रियों या मन के संस्कार मात्र हैं। समुद्र और तरंग अथवा सोना और गहना दो भिन्न-भिन्न नाम हैं। एकीकरण द्वारा आत्मा सोने और गहने में अथवा समुद्र और तरंग में सामान्य गुण वाला एक ही पदार्थ देखती है। सोना एक पदार्थ है पर भिन्न-भिन्न अवसरों पर बदलने वाले आकारों के जो संस्कार इंद्रियों द्वारा मन पर होते हैं उनके कारण सोने को ही कभी कड़ा, कभी कंगन, कभी अँगूठी इत्यादि कहते हैं। इसी प्रकार जगत् में यावत् दृश्य हैं सब केवल नामरूपात्मक हैं। उनके भीतर वस्तुसत्ता छिपी हुई है। वेदांत में सदा बदलते रहने वाले नामरूपात्मक रूप दृश्य जगत् को 'मिथ्या' और 'नाशवान्' और नित्य वस्तुतत्व को सत्य वा अमृत कहते हैं।

  • किसी वस्तु या व्यक्ति का वह नाम और रूप जिससे उसका परिज्ञान होता हो
  • मन से युक्त दृश्यमान् शरीर
  • (बौद्ध दर्शन) गर्भ में स्थित एक महीने के भ्रूण की संज्ञा

नामरूप के अंगिका अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • जिसका नाम मात्र अस्तित्व ज्ञात हो

नामरूप के तुकांत शब्द

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