naandiimukh meaning in hindi
नांदीमुख के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
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पुत्रजन्म, विवाह आदि मंगल अवसरों पर पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए किया जाने वाला एक आभ्युदयिक श्राद्ध, वृद्धिश्राद्ध
विशेष
. निर्णयसिंधु में लिखा है कि पुत्र कन्या जन्म, विवाह, उपनयन, गर्भाधान, यज्ञ, पुंसवन, तड़ागादि प्रतिष्ठा, राज्याभिषेक, अन्नप्राशन इत्यादि में नांदीमुख श्राद्ध करना ही चाहिए। वृद्धि हुई हो तब तो यह श्राद्ध करना ही चाहिए, जिस कार्य से अभ्युदय या वृद्धि की संभावना हो उसमें भी इसे करना चाहिए। पहले माता का श्राद्ध करना चाहिए, फिर पिता का, उसके पीछे पितामह, मातामह आदि का। और श्राद्ध तो मध्याह्न में किए जाते हैं पर यह पूर्वाह्न में होता है। पुत्रजन्म के समय का नियम नहीं है। - कुएँ का ढकना
नांदीमुख के तुकांत शब्द
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