nahush meaning in braj

नहुष

नहुष के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

नहुष के ब्रज अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक राजा जो अंबरीष का पुत्र और ययाति का पिता था
  • एक ऋषि
  • एक नाग
  • विष्णु
  • मनुष्य

नहुष के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • अयोध्या के एक प्राचीन इक्ष्वाकुवंशी राजा का नाम जो अंबरीष का पुत्र और ययाति का पिता था तथा महाभारत में जिसे चंद्रवंशी आयु राजा का पुत्र कहा गया है

    विशेष
    . पुराणानुसार यह बड़ा प्रतापी राजा था। जब इंद्र ने वृत्रासुर को मारा था उस समय इंद्र को ब्रह्महत्या लगी थी। उसके भय से इंद्र 1000 वर्ष तक कमलनाल में छिपकर रहा था। उस समय इंद्रासन शून्य देख गुरु बृहस्पति ने इसको योग्य जान कुछ दिनों के लिए इंद्र पद दिया था। उस अवसर पर इंद्राणी पर मोहित होकर इसने उसे अपने पास बुलाना चाहा। तब बृहस्पति की सम्मति से इंद्राणी ने कहला दिया कि 'पालकी पर बैठकर सप्तर्षियों के कंधे पर हमारे यहाँ आओ तब हम तुम्हारे साथ चलें'। यह सुन राजा ने तद्नुसार ही किया और घबराहट में आकर सप्तर्षियों से कहा—सर्प सर्प (जल्दी चलो), इस पर अगस्त्य मुनि ने शाप दे दिया कि 'जा, सर्प हो जा'। तब वह वहाँ से पतित होकर बहुत दिनों तक सर्प योनि में रहा। महाभारत में लिखा है कि पाँडव लोग जब द्वैतवन में रहत थे तब एक बार भीम शिकार खेलने गए थे। उस समय उन्हें एक बहुत बड़े साँप ने पक़ड लिया। जब उनके लौटने में देर हुई तब युधिष्ठिर उन्हें ढूँढ़ने निकले। एक स्थान पर उन्होंने देखा कि एक बड़ा साँप भीम को पकड़े हुए है। उनके पूछने पर साँप ने कहा कि मैं महाप्रतापी राजा नहुष हूँ; ब्रह्मर्षि, देवता, राक्षस और पन्नग आदि मुझे कर देते थे। ब्रह्मर्षि लोग मेरी पालकी उठाकर चला करते थे। एक बार अगस्त्य मुनि मेरी पालकी उठाए हुए थे, उस समय मेरा पैर उन्हें लग गया जिससे उन्होंने मुझे शाप दिया कि जाओ, तुम साँप हो जाओ। मेरे बहुत प्रार्थना करने पर उन्होंने कहा कि इस योनि से राजा युधिष्ठिर तुम्हें मुक्त करेंगे। इसके बाद उसने युधिष्ठिर से अनेक प्रश्न भी किए थे जिनका उन्होंने यथेष्ट उत्तर दिया था। इसके उपरांत साँप ने भीम को छोड़ दिया और दिव्य शरीर धारण करके स्वर्ग को प्रस्थान किया।

  • एक नाग का नाम
  • एक ऋषि का नाम जो मनु के पुत्र और ऋग्वेद के कुछ मंत्रों के द्रष्टा माने जाते हैं
  • पुराणानुसार कुशिकवंशी एक ब्राह्मण राजा का नाम
  • एक राजर्षि का नाम जिसका उल्लेख ऋग्वेद में है
  • हरिवंश के अनुसार एक मरुत् का नाम
  • विष्णु का एक नाम
  • मनुष्य, आदमी

नहुष के तुकांत शब्द

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