naimishaaraNya meaning in braj
नैमिषारण्य के ब्रज अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- एक तीर्थ
नैमिषारण्य के हिंदी अर्थ
नीमषारण्य
संज्ञा, पुल्लिंग
-
एक प्राचीन वन जो हिंदुओं का एक तीर्थस्थान माना जाता है और आजकल नीमखार कहलाता है
विशेष
. यह स्थान अवध के सीतापुर जिले में है। पुराणों में इसके संबंध में दो प्रकार की कथाएँ मिलती हैं। वराह पुराण में लिखा है कि इस स्थान पर गौरमुख नामक मुनि ने निमिष मात्र में असुरों की बड़ी भारी सेना भस्म कर दी थी इसी से इसका नाम नैमिषारण्य पड़ा। देवी भागवत में लिखा है कि ऋषि लोग जब कलिकाल के भय से बहुत घबराए तब ब्रह्मा ने उन्हें एक मनोमय चक्र देकर कहा कि तुम लोग इस चक्र के पीछे पीछे चलो, जहाँ इसकी नेमि (घेरा,चक्कर) विशीर्ण हो जाय उसे अत्यंत पवित्र स्थान समझना। वहाँ रहने से तुम्हें कलि का कोई भय नहीं रहेगा। कहते हैं, सौति मुनि ने इस स्थान पर ऋषियों को एकत्र करके महाभारत की कथा कही थी। विष्णुपुराण में लिखा है, इस क्षेत्र में गोमती में स्नान करने से सब पापों का क्षय हो जाता है।
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