neetrarog meaning in hindi

नेत्ररोग

नेत्ररोग के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

नेत्ररोग के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • आँख में होनेवाले रोग जो वैद्यक में 76 माने गए हैं

    विशेष
    . इनमें से 10 वायुजन्य, 13 कफ़जन्य, 16 रक्तजन्य, 10 पित्तज, 25 सन्निपातज और 2 बाहरी हैं। वायुजन्य रोगों में से हताधिमंथ, निमेषदृष्टिगत, गंभीरिका और वातहत-वर्त्मन् आसाध्य हैं और काचरोग, शुष्काक्षिपाक, अधिमंय, अभिष्यंद और मारुत साध्य हैं। पित्तल रोगों में से ह्रस्वजात, जलस्राव, परिम्लायी और नीली असाध्य हैं और अम्लाध्युषित दृष्टि, शुक्तिका, विदग्ध दृष्टि, पोथकी और लगण साध्य हैं। श्लेष्मज रोगों में स्राव रोग और काच रोग साध्य होता है। पूयस्राव, नाकुलांध्य, अक्षिपाक और अलजी ये सब सर्वदोषज असाध्य हैं। सन्निपातज काचरोग और पक्ष्मकोपरोग साध्य हैं। 76 नेत्ररोगों में से 9 संधिगत, 21 वर्त्मगत, 11 शुक्ल-भागस्थित, 4 कृष्णभागस्थि, 17 सर्वत्रगत, 12 दृष्टिगत और 2 बाह्य रोग है।

    उदाहरण
    . रतौंधी एक नेत्ररोग है।

नेत्ररोग के अँग्रेज़ी अर्थ

Noun, Masculine

  • eye diseases

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