nirgu.n.Dii meaning in braj
निरगुंडी के ब्रज अर्थ
विशेषण
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बिना गाँठ की, बिना धुंडी की
उदाहरण
. निरगुंडी गठबात कों, कही बकायन तीन।
निरगुंडी के हिंदी अर्थ
निर्गुंड़ी
संज्ञा, स्त्रीलिंग
-
एक प्रकार का क्षुप, संभालू, सम्हालु, सिंदुवार
विशेष
. इसके प्रत्येक सोके में अरहर को पत्तियों के समान पाँच-पाँच पत्तियाँ होती है। जिनका ऊपरी भाग नीला और नीचे का भाग सफे़द होता है। इसकी अनेक जातियाँ है। किसी में काले और किसी में सफे़द फूल लगते हैं। फूल आम के बौर के समान मंजरी के रूप में लगते हैं और केसरिया रंग की होती है। वैद्यक में इसे स्मरणशक्ति वर्धक, गरम, रुखी, कसैली, चरपरी, हलकी, नेत्रों के लिए हितकारी तथा शूल, सूजन, आमवात, कृमि, प्रदर, कोढ़, अरुचि, कफ़ और ज्वर को दूर करनेवाली माना है। औषधियों में इसकी जड़ का व्यवहार होता है।
निर्गुंड़ी के तुकांत शब्द
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