paan meaning in kumaoni
पान के कुमाउँनी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- पत्ता, पान के पत्ते जो सुपारी-कत्था आदि के साथ मुख शुद्धि के लिए खाये जाते हैं, पान, पान- फूल'-विनम्र या तुच्छ भेंट के अर्थ में प्रार्थना की जाती है कि हे ईश्वर पान- फूल की सेवा 'पान-फूलै श्यावा स्वीकार करें'
- बर्तन साफ करने का स्थान जिसे 'पन्याण' 'पाण' आदि भी कहते हैं;
पान के अँग्रेज़ी अर्थ
Noun, Masculine
- betel, betel-leaf
- (the act or process of) drinking (water or any other liquid)
पान के हिंदी अर्थ
संस्कृत ; संज्ञा, पुल्लिंग
- कत्था, चूना आदि लगाकर खाया जाने वाला एक प्रसिद्ध लता का पत्ता; तांबूल; नागबेल
- कोई कार्य करने या खेल खेलने का वह अवसर जो सब खिलाड़ियों को बारी-बारी से मिलता है
-
प्राण
उदाहरण
. पान अपान व्यान उदान और कहियत प्राण समान । तक्षक धनंजय पुनि देवदत्त और पौड्रक संख द्युमान । -
'पानि' या 'पाणि'
उदाहरण
. बैठी जसन जलूस करि फरस फवी सुखदान । पानदान तैं लै दऐ पान पान प्रति पान । -
किसी द्रव पदार्थ को गले के नीचे घूँट घूँट करके उतारना , पीना
उदाहरण
. रुधिर पान करि आत माल धरि जब जब शब्द उचारी । . रामकथा ससि किरन समाना । संत चकोर करहिं जेही पाना । - चीज़ें बनाकर या खरीदकर, उसे बेचने का काम
-
पत्ता , पर्ण
उदाहरण
. हाथी कौ सौ कान किधौं, पीपर कौ पान किधौं, ध्वजा कौ उड़ान कहौं थिर न रहतु है । - पान1 (सं.)
-
एक प्रसिद्ध लता जिसके पत्तों का बीड़ा बनाकर खाते हैं , तांबूलवल्ली , तांबूली , नागिनी , नागरवल्ली
विशेष
. यह लता सीमांत प्रदेश और पंजाब को छोड़कर संपूर्ण भारतवर्ष तथा सिंहल, जावा, स्याम, आदि उष्ण जलवायुवाले देशों में अधिकता से होती है । भारत में पान का व्यवहार बहुत अधिक है । कत्था, चूना, सुपारी आदि मसालों के योग से बना हुआ इसका बीड़ा खाकर मन प्रसन्न तथा अतिथि आदि का सत्कार करते हैं । देवताओं और पितरों के पूजन में इसे चढ़ाते हैं और इसका रस अनेक रोगों में औषध का अनुपान होता है । पान की जड़ भी, जिसे कुलंजन या कुलींजन कहते हैं, दवाई के काम आती है । उपर्युक्त दो प्रांतों को छोड़कर भारत के सभी प्रांतों में खपत और जलवायु की अनुकूलता के अनुसार न्यूनाधिक मात्रा में इसकी खेती की जाती है । इसकी खेती में बड़ा परिश्रम और झंझट होता है । अत्यंत कोमल होने के कारण अधिक सरदी गरमी यह नहीं सहन कर सकती । -
मद्यपान , शराब पीना
उदाहरण
. करसि पान सोवसि दिन राती । सुधि नहिं तब सिर पर आराती । - लगा हुआ का पत्ता; गिलौरी; बीड़ा
- ताश के पत्तों पर बनी हुई के आकार की लाल रंग की बूटियाँ
- पान के आकार की चौकी या ताबीज जो हार में रहती है
- पीने का पदार्थ , पेप द्रव्य , जैसे, जल, मद्य, आदि
- के आकार की कोई रचना
- जूते में पान के आकार का वह रंगीन या सादे चमड़े का टुकड़ा जो एँड़ी के पीछे लगता है
-
मद्य , मदिरा
उदाहरण
. सँग ते यती कुमंत्र ते राजा । मान ते ज्ञान पान ते लाजा । - जूते में एड़ी पर लगाया जाने वाला के आकार का चमड़े का टुकड़ा
- ताश के पत्तों के चार भेदों में से एक जिसमें पत्ते पर पान के आकार की लाल लाल बूटियाँ बनी रहती हैं
-
पानी
उदाहरण
. सीस दीन मैं अगमन प्रेम पान सिर मेलि । अब सो प्रीति निबाहउ चलो सिद्ध होइ खेलि । . गुरु को मानुष जो गिनै चरणामृत को पान । ते नर नरके जायँगे जन्म जन्म होइ स्वान । -
एक लता का पत्ता जिस पर कत्था, चूना आदि लगाकर और उसका बीड़ा बनाकर खाया जाता है
उदाहरण
. वह पान तोड़कर टोकरी में रख रहा है । - वह चमक जो शस्त्रों को गरम करके द्रव पदार्थ में बुझाने से आती है , पानी , आब
-
एक लता जिसके पत्तों पर कत्था, चूना आदि लगाकर और उनका बीड़ा बनाकर खाया जाता है
उदाहरण
. इस साल पान के पत्ते बढ़ नहीं रहे हैं । - पीने का पात्र , कटोरा , प्याला
- कुल्या , नहर ९
-
गले में पहना जाने वाला पान के आकार का एक आभूषण या गहना
उदाहरण
. बच्चे के गले में पान पहनाया गया है । - कलवार
-
ताश के पत्तों के चार भेदों में से एक जिस पर पान के पत्ते के आकार की लाल रंग की बूटियाँ बनी रहती हैं
उदाहरण
. काश ! मेरे पास पान का गुलाम होता । -
पान का वह रूप जो कत्था, चूना लगाकर उसे लपेटने या तह करने पर होता है
उदाहरण
. वह पान मुँह में लेकर चबाने लगा । - रक्षा रक्षण
- जूते का ऊपरी भाग
- प्याऊ , पौसाला
- नि:श्वास
- जय
- पीना , चूसना , चूमना , चुंबन , जैसे, अधरपान
- तरल पदार्थ को चुस्को भरते हुए, चूसते हुए अथवाणूंट-घुट करके पीने की क्रिया या भाव, जैसे-जल-पान, दुग्धपान, रक्त-पान, स्तन-पान आदि
- मद्य या शराब पीना
देशज ; संज्ञा, पुल्लिंग
- लड़ी, गून (लशकरी)
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- सूत को माँड़ी से तर करके ताना करना (जुलाहा)
पान के पर्यायवाची शब्द
संपूर्ण देखिएपान के यौगिक शब्द
संपूर्ण देखिएपान से संबंधित मुहावरे
पान के अंगिका अर्थ
विशेषण
- रक्षा करने वाला
संज्ञा, पुल्लिंग
- पीना, मदिरा पीना, पीने का पदार्थ ताम्बुल, पान के आकार की कोई वस्तु, ताश के पत्ते के चार भेंदों में से एक
पान के अवधी अर्थ
संज्ञा
- तांबूल
पान के कन्नौजी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- एक लता जिसके पत्ते सुपारी, कत्था, चूना आदि के साथ मुख शुद्धि के लिए खाये जाते हैं
पान के गढ़वाली अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- एक प्रसिद्ध लता का पत्ता, पान का पत्ता; कत्था, चूना आदि लगाकर खाया जाने वाला ताम्बूल
Noun, Masculine
- a betel-leaf, betel; seasoned and folded betel-leaf for chewing. Piper betle.
पान के बुंदेली अर्थ
पत्ता
संज्ञा, पुल्लिंग
- एक लता जिसके पत्ते सुपारी कत्था आदि के साथ मुख शुद्धि के लिए खाये जाते हैं, इस लता का पत्ता, पान के आकार के ताबीज, एक प्रकार का ताश का पत्ता, जिस पर पान की लाल-लाल आकृतियाँ बनी रहती हैं, कहा. पान-फल हो रये-सुकुमार व्यक्ति के लिए
- मान-सम्मान की सामग्री (यौ.श.)
पान के ब्रज अर्थ
पुल्लिंग
- जल ; जल आदि पीने को क्रिया ; पीने का पात्र
- तांबूल , पान का पत्ता
पान के मगही अर्थ
संस्कृत ; संज्ञा
- पीने की क्रिया या भाव; मद्य पीना; पीने का पदार्थ
- एक प्रसिद्ध लत्तर जिसकी पत्तियों में चूना, कत्था, सुपाड़ी आदि लगाकर खाते हैं; उक्त लत्तर; उक्त पत्ते का बीड़ा; गले में पहनने का पान के आकार का एक आभूषण; ताश की चार प्रकार की पत्तियों में से एक; पान के आकार की कोई वस्तु: लड़कियों की सखियों में प्रचलित सं
पान के मैथिली अर्थ
पान।
संस्कृत ; संज्ञा
- दे. T.IX.
- पिनाइ
- मद्यपान
- सरबत
- एक लताक पात
- उक्त पातमे खाएर-चून लगाए बनाओल बीड़ा
Sanskrit ; Noun
- drinking.
- drink.
- soft drink.
- betel leaf.
- wad of betel leaf prepared with lime etc. for chewing.
पान के मालवी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- पत्ता, पर्ण, पत्र, जल आदि।
पान के तुकांत शब्द
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