पांचाली

पांचाली के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

पांचाली के कन्नौजी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • पांचाल की राजकुमारी कन्या, द्रौपदी
  • पांचाल की, जैसे— पांचाली बोली, कन्नौजी

पांचाली के हिंदी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • कपड़े की पुतली, गुड़िया, पंचालिकी, पंचाली
  • साहित्य में एक प्रकार की रीति या वाक्य-रचना-प्रणाली जिसमें बड़े-बड़े पाँच छह समासों से युक्त और कांतिपूर्ण पदावली होती है, इसका व्यवहार सुकुमार और मधुर वर्णन में होता है, किसी-किसी के मत से गौड़ी और वैदर्भी वृतियों के सम्मिश्रण को भी पांचाली कहते हैं
  • पांडवों की स्त्री द्रौपदी का एक नाम जो पंचाल देश की राजकुमारी थी
  • छोटी पीपल
  • इंद्रजाल के छह भेदों में से एक
  • शास्त्र
  • स्वर- साधन की एक प्रणाली जो इस प्रकार है— आरोही— सा रे सा रे स, रे ग रे ग म, ग म ग म प, म प म प ध, प ध प ध नि, ध नि ध नि सा, अवरोही— सा नि सा नि ध, नि ध नि ध प, ध प ध प म, प म प म ग, म ग म ग रे, ग रे ग रे सा
  • पंचाल देश की स्त्री

पांचाली के कुमाउँनी अर्थ

पाँचाली

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • पंचाल देश से संबंधित
  • पंचाल देश की स्त्री या रानी, द्रौपदी
  • गुड़िया
  • काव्य की एक प्रसिद्ध रचना शैली, जिसमें बड़े-बड़े समासों से युक्त कांतिपूर्ण पदावली का समावेश होता है
  • स्वरसाधन की एक रीति

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