पाँचर

पाँचर के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

पाँचर के हिंदी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • कोल्हू के बीच में जड़े हुए लकड़ी के वे छोटे छोटे टुकडे जो गन्ने के टुकड़े को दबाने में जाठ के सहायक होते हैं, जाठ और पाँचर के बीच में दबने से ही गन्ने के टुकड़ों में से रस निकलता है
  • दे॰ 'पच्चर'

पाँचर के कुमाउँनी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • खपची, अड़ाने का आधार, अड़चन, 'पांचुर जस'-छोटा होते हुए भी दखल देने वाला या अड़- चन डालने बाला

पाँचर के तुकांत शब्द

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