paanDu meaning in english
पांडु के अँग्रेज़ी अर्थ
Noun, Masculine
- jaundice (a disease)
- an ancient king of Hastinā:pur and the father of the valiant heroes of the great war of Maha:bha:rat
Adjective
- yellow
- yellowish white
- pallid
- hence पांडुता (nf)
पांडु के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- पांडुफली , पारली
- परमल
- कुछ लाली लिए पीला रंग
- वह जिसका रंग लाली लिए पीला हो
- एक नाग का नाम
- सफेद हाथी
- सफेद रंग
- पीलापन लिए सफेद रंग ९
-
एक रोग का नाम जिसमें रक्त के दूषित हो जाने से शरीर का चमड़ा पीले रंग का हो जाता है
विशेष
. सुश्रुत में लिखा है कि अधिक स्त्रीगमन करने, खटाई और नमक खाने शराब पीने, मिट्टी खाने, दिन को सोने तथा इसी प्रकार के और कुपथ्य करने से यह रोग हो जाता है । चमड़े का फटना, आँख के गोलक का सूजना और पेशाब पाखाने के रंग का पीला पड़ जाना इस रोग का पूर्वलक्षण है । यह कफज, वातज, पित्तज और सन्निपातज चार प्रकार का होता है । इसके अतिरिक्त भावप्रकाश में इसका एक पाँचवाँ प्रकार मृत्तिकाभक्षणजात भी माना गया है । सुश्रुत ने कामला, कुंतकामला, हलीमक और लाघरक आदि रोगों को इसी के अंदर्गत माना है । इस रोग में रोगी को कंप, पीडा, शूल, भ्रम, तंद्रा, आलस्य, खाँसी, श्वास, अरुचि और अंगों में सूजन आदि भी होती है । -
प्राचीन काल के एक राजा का नाम जो पांडव वंश के आदिपुरुष थे
विशेष
. महाभारत में इनकी कथा बहुत ही विस्तार के साथ दी हुई है । उसमें लिखा है कि जिस समय राजा विचित्रवीर्य युवावस्था में ही क्षय रोगों के कारण मर गए और अंबिका तथा अंबालिका नाम की उनकी दोनों स्त्रियाँ विधवा हो गई, उस समय विचित्रपीर्य की माता सत्यवती ने अपना वंश चलाने के उद्देश्य से अपने दूसरे पुत्र भीष्म से कहा था कि तुम अंबिका और अंबालिका के साथ नियोग करके संतान उत्पन्न करो । परंतु भीष्म इससे बहुत पहलो ही प्रतिज्ञा कर चुके थे कि मैं आजन्म क्वाँरा और ब्रह्मचारी रहूँगा । अतः उन्होंने माता की यह बात तो नहीं मानी पर उन्हें सम्मति दी कि किसी योग्य ब्राह्मण को बुलवाकर और उसे कुछ धन देकर विचित्र वीर्य की स्त्रियों का गर्भाधान करा लो । इसपर सत्यवती ने अपने पहले पुत्र व्यास का जो पराशर ऋषि से उत्पन्न हुए थे, स्मरण किया और उनके आ जाने पर कहा कि तुम एक प्रकार से विचित्रवीर्य के बड़े भाई हो । अतः तुम ही उसकी दोनों विधवाओं से वंशवृद्धि के लिये संतान उत्पन्न करो । व्यास ने अपनी माता की यह बात स्वीकार करते हुए कहा कि पहले दोनों विधवा स्त्रियाँ व्रतपूर्वक रहें तब मैं उन्हें मित्रावरुण के सदृश पुत्र प्रदान करुँगा । लेकिन सत्यवती ने कहा कि राज्य में राजा के न रहने से अनेक प्रकार का उपद्रव होते हैं, अतः तुम अभी इन दोनों को गर्भ धारण कराओ । तदनुसार व्यास ने पहले तो अंबिका के गर्भ से धृतराष्ट्र को उत्पन्न किया । और तब अंबालिका की बारी आई । जब अंबालिका भी ऋतुमती हो चुकी तब व्यासदेव आधीरात के समय उसके पास गए । उनका उग्र रुप देखकर अंबालिका मारे डर के पीली पड गई । समय पूरा होने पर अंबालिका को पीले रंग का एक लड़का हुआ जिसका नाम 'पांडु' रखा गया । बाल्यावस्था में धृतराष्ट्र, पांडु और विदुर तीनों को भीष्म ने ही पाला पोसा और पढाया लिखाया था । पांडु का विवाह राजा कुंतिभोज की कन्या कुंती से हुआ था । पीछे से भीष्म ने मद्रकन्या माद्री से इनका एक और विवाह कर दिया था । विवाह के कुछ दिनों के उपरांत पांडु ने समस्त भूमंडल के राजाओं को परास्त करके दिग्विजय किया और बहुत सा धन एकत्र किया । इस���े धन से धृतराष्ट्र ने पाँच महायज्ञ किए थे । इसमें से प्रत्येक महायज्ञ में उन्होने इतना धन दान किया था जिससे सैकडों बड़े बड़े अश्वमेध यज्ञ किए जा सकते थे । कुछ दिनों तक राज्य करने के उपरांत पांडु अपनी दोनों स्त्रियों को साथ लेकर जंगल में जा रहे और वहीं आमोद प्रमोद और शिकार आदि करके रहने लगे । एक बार शिकार में उन्होंने हिरन को हिरनी के साथ मैथुन करते हुए देखा और तुरंत तीर से उस हिरन को मार गिराया । कहते हैं, ये हिरन और हिरनी वास्तव में ऋषिपुत्र किमिदय और उनकी पत्नि थे । तीर लगते ही उस मृग ने मनुष्यो की बोली में कहा कि तुमने मुझे स्त्री के साथ भोग करते में मारा है अतः तुम भी जब अपनी स्त्री के साथ भाग करोगे तब उसी समय तुम्हारी भी मृत्यु हो जायगी । और जिस स्त्री के साथ भोग करते हुए तुम मरोगे वह तुम्हारे साथ सती होगी । इसपर पांडु बहुत दुःखी हुए और अपनी दोनों स्त्रियों को साथ लेकर नागशत पर्वत पर चले गए । वे सब प्रकार का भोग विलास आदि छोड़कर कठोर तपस्या करने लगे । वहीं एक बार पांडु ने बहुत से ऋषियों के साथ स्वर्ग जाना चाहा था परंतु ऋषियों ने उन्हें मना किया और कहा कि जिसके कोई संतान न हो वह स्वर्ग नहीं जा सकता । इसपर पांडु ने अपनी स्त्री के गर्भ से किसी ब्राह्मण के द्वारा पुत्र उत्पन्न कराने का विचार किया और अपनी स्त्री कुंती से सब हाल कहा । इसपर कुंती ने, जिसे जिस देवता का चाहें स्मरण करके पुत्र प्राप्त करने का वरदान था, धर्म, वायु और इंद्र को आवाहन कर क्रमशः युधिष्ठिकर, भीम और अर्जुन नामक तीन पुत्र जने और माद्री ने अश्विनीकुमार के अनुग्रह से नकुल और सहदेव नामक दो पुत्र पाए । पीछे से ये ही पाँचों पुत्र पांडव कहलाए और इन्होंने कौरवों से युद्ध किया था (दे॰ 'पांडव') । इसका कुछ दिनों के उपरांत एक बार वसंत ऋतु में पांडु को बहुत अधिक कामपीडा हुई । उस समय उन्होंने माद्री के बहुत मना करने पर भी नहीं माना और वे बलपूर्वक उसके साथ भोग करने लगे । किमिंदय ऋषि के शाप के अनुसार उसी समय उनके प्राण निकल गए और माद्री ने भी वहीं अपने प्राण दे दिए । पीछे से लोग पांडु और माद्री को हस्तिनापुर ले गए और वहीं धृतराष्ट्र की आज्ञा से विदुर ने दोनों का प्रेतसंस्कार किया । -
सुश्रुत के अनुकार वर्ण- चिकित्सा का एक अंग जिसमें फोड़े के अच्छे हो जाने पर उसके काले दाग को ओषधि की सहायता से दूर करते और वहाँ के चमड़े को फिर शरीर के वर्ण का कर देते हैं , इसे पांडुकरण भी कहा है
विशेष
. सुश्रुत का मत है कि यदि फोड़े के अच्छे हो जाने पर दुरुढ़ता के कारण उसके स्थान पर काला दाग रह गया हो तो कडवी तूँबी को तोड़कर उसमें बकरी का दूध डाल दे और उस दूध में सात दिन तक रोहिणी फल भिगोए । इसके बाद ��स फल को गीला ही पीसकर फोड़े के दाग पर लगाए तो वह दाग दूर हो जायगा । - कुछ लाली लिए हुए पीला रंग
- रक्त में पित्त वर्णक के जमा हो जाने से उत्पन्न एक रोग जिसमें त्वचा, आँख के श्वेतपटल, आदि पीले पड़ जाते हैं
-
कुछ लाली लिए हुए पीला रंग
उदाहरण
. इस तस्वीर का पिछला हिस्सा पांडु में रंगा गया है । -
हस्तिनापुर के प्रसिद्ध एवं प्राचीन राजा जिनके पाँच पुत्र थे - युधिष्ठिर, भीम, अर्जुन, नकुल और सहदेव
उदाहरण
. पांडु के पुत्र पांडव कहलाए । - श्वेत-पीत या सफ़ेद-पीला रंग
- पीलिया नामक रोग
- सफ़ेद हाथी
- (महाभारत) पांडवों के पिता
- मध्य देश का एक प्राचीन प्रदेश
विशेषण
-
कुछ लाली लिए हुए पीला
उदाहरण
. उसके फोड़े से पांडु रंग का मवाद निकल रहा है । - हलके पीले रंग का
पांडु के पर्यायवाची शब्द
संपूर्ण देखिएपांडु के कुमाउँनी अर्थ
पाँडु
संज्ञा, पुल्लिंग
- सफेद-पीला रंग; पीलिया रोग
विशेषण
- गढ़वाल का एक विशेष नृत्य
पांडु के ब्रज अर्थ
पुल्लिंग
- कुछ लाली लिए हुये पीला रंग ; पांडवों के पिता राजा पांडु
पांडु के मैथिली अर्थ
पाण्डु
विशेषण
- पिरोंछ
Adjective
- light yellow, pale.
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