pabaakar meaning in hindi
पबाकर के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
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एक वृक्ष जो पंच वटों में माना जाता है, रामअंजीर, पाखर, जंगली पिपली, पलखन
विशेष
. इसके वृक्ष समस्त भारतवर्ष में वर्षा में अधिकता से बोए जाते हैं। इसकी पत्तियाँ ख़ूब हरी और आम की तरह लंबी पर उससे कुछ अधिक चौड़ी होती हैं। यह वृक्ष आपसे आप कम उगता है, प्रायः लगाने से ही होता है। यह 7-8 वर्ष में तैयार हो जाता है। इसकी छाया बहुत घनी होती है। कवियों ने इसकी घनी छाया की बड़ी ही प्रशंसा की है। इसकी छाल से बड़े बारीक और मुलायम सूत तैयार किए जा सकते हैं। नरम फलों या गोदों को जंगली और देहाती मनुष्य प्रायः खाते हैं और पत्तियाँ हाथी और अन्य पशुओं के चारों के काम में आती हैं। लकड़ी और किसी काम में नहीं आती, केवल उससे कोयला तैयार किया जाता है। वैद्यक में इसे कषाय, कटु, शीतल व्रण, योनिरोग, दाह, पित्त, कफ़, रुधिरविकार, सूजन और रक्तपित्त को दूर करने वाला माना गया है। छोटे पत्तियों वाले वृक्ष को अधिक गुणदायक माना गया है।
पबाकर के तुकांत शब्द
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