pahlavii meaning in hindi
पह्लवी के हिंदी अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
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फारस या ईरान की एक प्राचीन भाषा , अति प्राचीन पारसी या जेंद अवस्ता की भाषा और आधुनिक फारसी के मध्यवर्ती काल की फारस की भाषा
विशेष
. पारसियों के प्राचीन धार्मिक और ऐतिहासिक ग्रंथ इसी भाषा में मिलते हैं । उनकी मूल धर्मपुस्तक 'जेंद अवस्ता' की टीका और अनुवाद आदि के रुप में जितनी प्राचीन पुस्तकें मिलती हैं, अधिकांश सभी इसी भाषा में हैं । शाशान वंशीय सम्राटों के समय में यही राजकाज की भाषा थी । अत: इसकी उत्पत्ति का काल पारद सम्राटों का शासनकाल हो सकता है । इस भाषा में सेमिटिक शब्दों की बहुत भरमार है । शाशानीय काल के पहले की पह्लवी में ये शब्द और भी अधिक हैं । इसमें व्यवहृत प्रायः समस्त सर्वनाम, अव्यय, क्रियापद, बहुत से क्रियाविशेषण और संज्ञापद अनार्य या शामी हैं । इसके लिखने की दो शैलियाँ थी । एक में शामी शब्दों की विभक्रियाँ भी शामी होती थीं; दूसरी में शामी शब्दों के साथ खाल्दीय विभक्ति लगती थी । इन दोनोनं रीतियों में यह भी प्रभेद था कि पहली में क्रियापदों का कोई रुपांतर न होता था परंतु दूसरी में उनके साथ अनेक प्रकार के पारसी प्रत्यय जोड़े जाते थे । पह्लवी ग्रंथसमूह मुख्यतः दो भागों में विभक्त हैं । एक भाग अवस्ता शास्त्र का अनुवाद मात्र है । दूसरे भाग के ग्रंथों में धर्म की व्याख्या और ऐतिहासिक उपाख्यान हैं । शामी शब्दों की अधिकता और विशेषतः उपर्युक्त शैलीभेद के कारण कुछ विद्वान यह मानने लगे हैं कि पहलवी किसी काल में किसी जाति की बोलचाल की भाषा नहीं थी, पारसवालों ने जब शामी (यहूदो अरब) लोगों से लिपिविद्या सीखी और शामी वर्णमाला के द्वारा वे अपनी भाषा लिखने लगे उस समय उन लोगों ने अपनी भाषा के उन सब शब्दों को लिखने का प्रयास नहीं किया जिसके समानार्थक शब्द उन्हें शामी भाषा में मिल सके । ऐसे शब्द उन्होंने शामी के ही ज्यों के त्यों उठाकर अपनी भाषा में धर लिए । पर वे लिखने तो थे शामी शब्द और पढ़ते उस शब्द का सामानार्थक अपनी भाषा का शब्द । जैसे, वे लिखते 'मालिक' जिसका अर्थ शामी में राजा है और पढ़ते थे अपनी भाषा का 'शाह' शब्द । बहुत दिनों तक इस प्रकरा लिखते पढ़ते रहने से जिस विलक्षण संकर भाषा का गठन हुआ वही उक्त विद्वानों की सम्मति में पह्लवी है ।
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