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1.
पहुँचा
हाथ की कुहनी के नीचे का भाग, बाहु के नीचे का वह भाग जो जोड़ पर मोटा और आगे की ओर पतला होता है, अग्रबाहु और हथेली के बीच का भाग कलाई, गट्टा, मणिबँध
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2.
पहुँची
हाथ की कलाई पर पहनने का एक आभूषण जिसमें बहुत से गोल या कँगूरेदार दाने कई पंक्तियों में गूँथे हुए होते हैं
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3.
पहुँचना
एक स्थान से चलकर, दूसरे स्थान में प्रस्तुत या प्राप्त होना, गति द्वारा किसी स्थान में प्राप्त या उपस्थित होना, जैसे— लड़कों का पाठशाला में पहुँचना, घड़े के अंदर हाथ पहुँचना
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4.
पहुँच
किसी स्थान तक गति, किसी स्थान तक अपने को ले जाने की क्रिया या शक्ति
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5.
पहुँचण
किसी व्यक्ति या पदार्थ को एक स्थान से चलाकर दूसरे स्थान को प्राप्त करना; एक स्थान से चलकर दूसरे स्थान पर उपस्थित होना; फैलने अथवा फैलाए जाने के कारण किसी वस्तु का वि सी सीमा तक जाना; प्रविष्ट होना