palii meaning in braj
पली के ब्रज अर्थ
स्त्रीलिंग
- तेल निकालने की छोटी, गहरी कटोरी
पली के हिंदी अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
-
एक प्राचीन भाषा जिसमें बौद्धों के धर्मग्रंथ लिखे हुए हैं और जिसका पठन पाठन स्याम, बरमा, सिंहल आदि देशों में उसी प्रकार होता है जिस प्रकार भारतवर्ष में संस्कृत का
विशेष
. बौद्ध धर्म के अभ्युदय के समय में इस भाषा का प्रचार वाह्लीक (बलख) सै लेकर स्याम देश तक और उत्तर भारत से लेकर सिंहल तक हो गया था । कहते हैं, बुद्ध भगवान् ने इसी भाषा में धर्मोपदेश किया था । बौद्ध धर्मग्रंथ त्रिपिटक इसी भाषा में हैं । पाली का सबसे पुराना व्याकरण कच्चायन (कात्यायन) का सुगंधिकल्प है । ये कात्यायन कब हुए थे ठीक पता नहीं । सिंहल आदि के बोद्धों में यह प्रसिद्ध है कि कात्यायन बुद्ध भगवान् के शिष्यों में से थे और बुद्ध भग- बान् ने हो उनसे उस भाषा का व्याकरण रचने के लिये कहा था जिसमें भगवान् के उपदेश होते थे । पर कात्यायन के व्याकरण में ही एक स्थान पर सिंहल द्विप के राजा तिष्य का नाम आया है जो ईसा से ३०७ वर्ष पहले राज्य करता था । इस बाधा का उत्तर लोग यह देते हैं कि पाली भाषा का अध्ययन बहुत दिनों तक गुरु शिष्य परंपरानुसार ही होता आया था । इससे संभव है कि 'तिष्य' वाला उदाहरण पीछे से किसी ने दे दिया हो । कुछ लोग वररुचि को, जिनका नाम कात्यायन भी था, पाली व्याकरणाकार कात्यायन समझते हैं, पर यह भ्रम है । - तेल, घी, आदि द्रव पदार्थों को बड़े बरतन से निकालने का लोहे का उपकरण , इसमें छोटी करछी के बराबर एक कटोरी होती है जो एक खड़ी घुंडी से जुड़ी होती हौ
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पली के तुकांत शब्द
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