panchaagni meaning in braj
पंचाग्नि के ब्रज अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
-
एक विशेष प्रकार की तपस्या, जिसमें तपस्या करने वाला अपने चारों ओर अग्नि जलाकर दिन में धूप में बैठा रहता है
उदाहरण
. पंचागिनि ज्वाला जोग संजम सुरति है।
विशेषण
- पाँच प्रकार की अग्नियों का आधान करनेवाला
पंचाग्नि के अँग्रेज़ी अर्थ
Noun, Feminine
- a collection of five fires (one each of the east, west, north, and south, the sun overhead being the fifth) amidst which Hindu devotees perform penance, five mystic fires supposed to be present in human body
पंचाग्नि के हिंदी अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- अन्वाहार्य पचन, गार्हपत्य, आहवनीय, आवसथ्य और सभ्य नाम की पाँच अग्नियाँ
- छांदोग्य उपनिषद के अनुसार सूर्य, पर्जन्य, पृथ्वी, पुरुष और योषित
- चारों ओर से जलती हुई पाँचों प्रकार की अग्नियों के बीच बैठकर और ऊपर से सूर्य का तप सहते हुए ग्रीष्म ऋतु में किया जाने वाला एक प्रकार का तप
- आयुर्वेद के अनुसार चीता, चिचड़ी, भिलावाँ, गंधक और मंदार नामक औषधियाँ जो बहुत गरम मानी जाती है
विशेषण
- पंचाग्नि की उपासना करनेवाला
- पंचाग्नि विद्या जानेवाला
- पंचाग्नि तापनेवाला
- पाँच प्रकार की अग्नियों का आधान करनेवाला
पंचाग्नि के अवधी अर्थ
पँच अगिनि
- एक प्रकार की तपस्या जो कुछ साधु लोग गर्मियों में करते हैं और जिसमें धूप में बैठकर अपने चारों ओर पाँच स्थानों पर आग जला लेते हैं, साधु लोग कभी-कभी ज़ोर देकर "अगिनी" भी बोलते हैं
पंचाग्नि के तुकांत शब्द
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