पंचक

पंचक के अर्थ :

पंचक के हिंदी अर्थ

संस्कृत ; संज्ञा, पुल्लिंग

  • पाँच का समूह, पाँच का संग्रह, जैसे— इंद्रियपंचक, पद्यपंचक
  • सजातीय पाँच वस्तुओं का समूह
  • वह जिसके पाँच अवयव या भाग हों
  • पाँच रुपए प्रति सैकड़े के हिसाब से लगने वाला ब्याज
  • धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती नामक पाँच नक्षत्रों का समूह जिसमें कुछ धार्मिक कार्य निषिद्ध होते हैं, पचखा
  • शकुन शास्त्र
  • पाशुपत दर्शन में गिनाई हुई आठ वस्तुएँ जिनमें प्रत्येक के पाँच पाँच भेद किए गए हैं, ये आठ वस्तुएँ ये हैं—लाभ, मल, उपाय, देश, अवस्था, विशुद्धि दीक्षा, कारिक और बल
  • पाँच प्रतिनिधियों की सभा, पंचायत
  • युद्धक्षेत्र, रणभूमि

विशेषण

  • जिसके पाँच अंग अवयव या भाग हों

पंचक के अँग्रेज़ी अर्थ

Noun, Masculine

  • a set or aggregate of five
  • in Astrology, a coincidence of five stars wherein commencement of an auspicious ceremony is prohibited

पंचक के गढ़वाली अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • 27 नक्षत्रों में धनिष्ठा से लेकर, रेवती तक के अंतिम 5 नक्षत्र जो शुभ कार्य के लिए अनुपयुक्त माने जाते हैं, लोक विश्वास के अनुसार पंचकों में जन्म या मृत्यु अशुभ होती है

Noun, Masculine

  • a particular period according to Hindu calendar which is not considered auspicious.

पंचक के मगही अर्थ

अरबी ; संज्ञा

  • देखिए : 'पचरना'

पंचक के मैथिली अर्थ

पञ्चक

संज्ञा

  • पाँचक समूह
  • देखिए : 'भदबा'

Noun

  • group of five.

पंचक के मालवी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • धनिष्ठा से रेवती तक पाँच नक्षत्र जो ज्योतिष में अशुभ माने जाते हैं

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