panDaapuurv meaning in hindi
पंडापूर्व के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
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मीमांसा शास्त्रानुसार धर्म और अधर्म से उत्पन्न वह अदृष्ट जो कर्म के अनुसार फल न दे सकता हो अथवा ऐसे फल की प्राप्ति में बाधक हो
विशेष
. मीमांसा का मत है कि प्रत्येक कर्म के करते ही, चाहे वह अधर्म हो या धर्म एक अदृष्ट उत्पन्न होता है। इस अदृष्ट में अपने कर्म के शुभाशुभ फल देने की योग्यता होती है, पर कितने कर्मों के शुभाशुभ फल तो मिलते हैं और उनके फलों के मिलने का वर्णन अर्थवाद वाक्यों में भी हैं पर कितने ऐसे भी कर्म हैं जिनका फल नहीं मिलता। ऐसे कर्मों की विधि तो शास्त्रों में है पर उनका अर्थवाद नहीं है। इस प्रकार के कर्मों के करने से जो अदृष्ट उत्पन्न होता है उसे 'पंडापूर्व' कहते हैं। मीमांसकों का मत है के ऐसे अदृष्टों में स्पष्ट फल देने की योग्यता नहीं होती पर वे पाप और पुण्य का क्षय करते हैं। नैयायिक इस प्रकार के अदृष्ट को नहीं मानते।
पंडापूर्व के तुकांत शब्द
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