परेर

परेर के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

परेर के बज्जिका अर्थ

संज्ञा

  • परबल (सब्ज़ी विशेष)

परेर के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • आकाश, आस- मान, उ— (क) सूर ज्यों सुमेर को, नक्षत्र घ्रुव फेर को, ज्यों पारद परेर को ज्यौं सागर मयंक को, (शब्द॰) कागा कर कंगन चूथि रे उड़ि रे परेरो जाया, मैं दुख दाधी बिरह की तू दाधा माँस न खाय, — कबीर (शब्द॰)

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