pashvaachaar meaning in hindi

पश्वाचार

  • स्रोत - संस्कृत

पश्वाचार के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • तांत्रिकों के अनुसार कामना और संकल्पपूर्वक वैदिक रीति से देवी का पूजन, वैदिकाचार

    विशेष
    . तांत्रिकों के अनुसार दिव्य, वीर और पशु इन तीन भावों से साधना की जाती है। इनमें से केवल अंतिम ही कलिगुग में विधेय है, और इसी पशु भाव से पूजा करने से सिद्धि होती है। पश्वाचारी को नित्य स्नान, संध्या, पूजन, श्राद्ध और विप्र कर्म करना चाहिए, सबको समान भाव से देखना चाहिए, किसी का अन्न न लेना चाहिए, सदा सत्य बोलना चाहिए, मद्य-मांस का व्यवहार न करना चाहिए, आदि-आदि।

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