pashyanto meaning in hindi

पश्यंतो

  • स्रोत - संस्कृत

पश्यंतो के हिंदी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • नाद की उस समय की अवस्था या स्वरूप जब वह मूलाधार से उठकर हृदय में जाता है

    विशेष
    . भारतीय शास्त्रों में वाणी या सरस्वती के चार चक्र माने गए हैं—परा, पश्यंती, मध्यमा और वैखरी । मूला- धार से उठनेवाले नाद को 'परा' कहते हैं, जब वह मूलाधार से हृदय में पहुँचता है तब 'पश्यंती' कहलाता है, वहाँ से आगे बढ़ने और बुद्धि से युक्त होने पर उसका नाम 'मध्यमा होता है और जब वह कंठ में आकर सबके सुनने योग्य होता है तब उसे 'वैखरी' कहते हैं ।

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