पतंजलि

पतंजलि के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

पतंजलि के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक प्रसिद्ध ऋषि जिन्होंने योग सूत्र की रचना की
  • एक प्रसिद्ध मुनि जिन्होंने पणिनीय सूत्रों और कात्यायन कुत उनके वार्तिक पर 'महाभाष्य' नामक बृहद् भाष्य का निर्माण किया था , एक किंवदंती के अनुसार चरक संहिता के रचयिता और संगृहीता के रूप में पतंजलि का नाम लिया जाता है, पर यह मत ऐतिहासिकों को मान्य नहीं हैं

    विशेष
    . इनकी माता का नाम गोणिका और जन्मस्थान गोनर्द्द था । डा॰ सर रामकृष्ण भांडारकर के मत से आधुनिक गोंडा ही प्राचीन गोनर्द्द है । गोणिकापुत्र, गोनर्द्दीय आदि इनके नाम मिलते हैं । ऐसा प्रसिद्ध है कि ये कुछ समय तक काशी में भी रहे थे । जिस स्थान पर इनका रहना माना जाता है उसे आजकल नागकुआँ कहते हैं । नागपंचमी के दिन वहाँ मेला होता है और बहुत से संस्कृत के पंडित और छात्र वहाँ एकत्र होकर व्याकरण पर शास्त्रार्थ करते हैं । ये अनंत भगवान् अथवा शेषनाग के अवतार माने जाते हैं । अन्य सभी सूत्रग्रंथों की व्याखाएँ भाष्य कहीं गई है, केवल पतंजलिकृत भाष्य को महाभाष्य की संज्ञा और प्रतिष्ठा मिली ।

पतंजलि के कन्नौजी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक प्रसिद्ध ऋषि जिन्होंने योग-सूत्रों की रचना की है 2. एक ऋषि जिन्होंने पाणिनि के व्याकरण सूत्रों पर महाभाष्य नामक प्रसिद्ध व्याख्या-ग्रंथ रचा है (कुछ विद्वानों ने योग सूत्रकार पतंजलि को महाभाष्यकार पतंजलि से अलग माना है)

पतंजलि के गढ़वाली अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक प्रसिद्ध व्याकरणविद् और ऋषि जो महाभाष्य और योग सूत्र के रचयिता माने जाते है

Noun, Masculine

  • a reputed grammarian and sage known as the author of Yoga Sutra and Mahabhashya.

पतंजलि के ब्रज अर्थ

पुल्लिंग

  • पाणिनि के सूत्रों के भाष्यकार एक ऋषि

पतंजलि के तुकांत शब्द

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