पीठ

पीठ के अर्थ :

पीठ के हिंदी अर्थ

संस्कृत ; संज्ञा, पुल्लिंग

  • लकड़ी, पत्थर या धातु का बना हुआ बैठने का आधार या आसन , पीढ़ा , चौकी

    विशेष
    . दे॰ 'पीढ़ा' । २

  • व्रतियों, विद्यार्थियों आदि के बैठने का आसन , कुशासन आदि
  • किसी मूर्ति के नीचे का आधारपिंड , मूर्ति का वह आसनवत् भाग जिसके ऊपर वह खड़ी रहती है , मूर्ति का आधार
  • किसी वस्तु के रहने की जगह , अधिष्ठान , जैसे, विद्यापीठ
  • राजसिंहासन, राजासन , तख्त
  • वेदी , देवपीठ
  • वह स्थान जहाँ पुराणानुसार दक्षपुत्री सती का कोई अंग या आभूषण विष्णु के चक्र से कटकर गिरा है, वे तीर्थस्थल जहाँ-जहाँ सती के अंग कट-कट कर गिरे; शक्तिपीठ.

    विशेष
    . ऐसे स्थान भिन्न भिन्न पुराणों के मत से ५१, ५३, ७७ अथवा १०८ हैं । इनमें से कुछ की महापीठ और कुछ की उपपीठ संज्ञा है । शिवचरित् नामक ग्रंथ में जिसमें कुल ७७ पीठ गिनाए गए हैं; ५१ को महापीठ और २६ को उपपीठ कहा है । ये सब स्थान तांत्रिक तखा शाक्तधर्म के अनुसार अति पुनीत और सिद्धिदायक माने गए हैं । इन स्थानों में जपादि करने से शीघ्र सिद्धि और दान, होम, स्नान आदि करने से अक्षय पुण्य होना माना गया है । इन स्थानों की उत्पत्ति के संबंध में पुराणों में यह कथा है— शिव से अप्रसन्न होकर उनके ससुर दक्ष ने उनको अपमानित करने का निश्चय किया । उन्होंने बृहस्पति नामक यज्ञ आरंभ किया जिसमें त्रिभुवन के यावत् देवी देवताओं को निमंत्रित किया पर शिव और अपनी कन्या सती को न पूछा । सती बिना बुलाए भी पिता के समारंभ में संमिलित होने को तैयार हो गई और शिव ने भी अंत को उनकी हठ रख ली । सती जब बाप के यज्ञस्थान में पहुँची तब दक्ष ने उनकी आदर अभ्यर्थना तो न की व भगवान् भुतनाथ की जी भरकर निंदा करने लगे । सती को पूज्य पति की निंदा सुनना असह्य हुआ । वे यज्ञकुंड में कूद पड़ीं और जल मरीं । उनके साथ शिव के जो अनुचर गए थे उन्होंने लौटकर शिव को यह समाचार सुनाया जिसे सुनकर शिवाजी क्रोध से पागल हो उठे और वीरभद्रादि अनुचरों के द्वारा दक्ष को मरवा डाला और उनका यज्ञ विध्वंस करा दिया । सती के विछोह का उनको इतना दुःख हुआ कि वे उनकी मृत देह को कधे पर रखकर चारों ओर नाचते हुए घूमने लगे । अंत को भगवान विष्णु ने इस दशा से उनका उद्धार करने के अभिप्राय से अपने चक्र द्वारा धीरे धीरे सती के सारे शव को काटकर गिरा दिया । जिन जिन स्थानों पर उनका कोई अंग या आभूषण कटकर गिरा उन सबमें एक एक शक्ति और भैरव भिन्न भिन्न नाम तथा रूप से अवस्थान करते हैं । जिन स्थानों में कोई एक अंग गिरा वे महापीठ और जिनमें किसी अंग का अंश या कोई अलंकार मात्र गिरा वे उपपीठ हुए । इन महापीठों, उपपीठों और उनमें अवस्थान करनेवाली शक्तियों और भैरवों के नाम तंत्रचूड़ामणि आदि तंत्रग्रंथों और देवीभागवत, कालिकापुराण आदि पुराणों में दिए गए हैं । काशी में कान के कुंडल का गिरना कहा गया है । यहाँ की शक्ति का नाम मणिकर्णी, अन्नपूर्णा या विशालाक्षी और भैरव का कालभैरव है । ८

  • प्रदेश , प्रांत
  • बैठने का एक विशेष ढंग , एक आसन
  • कंस के एक मंत्री का नाम
  • एक विशेष असुर
  • वृत्त के किसी अंश का पूरक, गणित में वृत्त के किसी अंग का पूरक

संस्कृत ; संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • प्राणियों के शरीर में पेट की दूसरी ओर का भाग जो मनुष्य में पीछे की ओर और तिर्यक् पशुओं, पक्षियों, कीड़े मकोड़े आदि के शरीर में ऊपर की ओर पड़ता है , पृष्ठ , पुश्त
  • किसी वस्तु की बनावट का ऊपरी भाग , किसी वस्तु की बाहरी बनावट , पृष्ठ भाग , भीतरी भाग या पेट का उलटा
  • रोटी के ऊपर का भाग
  • जहाज का फर्श (लश॰)

पीठ के पर्यायवाची शब्द

संपूर्ण देखिए

पीठ से संबंधित मुहावरे

पीठ के अँग्रेज़ी अर्थ

Noun, Masculine

  • the back
  • spine
  • (nm) a seat
  • an institute

पीठ के अंगिका अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • शरीर का पीछे का भाग, चौकी, आसन, किसी मूर्ति के नीचे का आधार

पीठ के कन्नौजी अर्थ

  • किसी प्राणी के शरीर का कमर से लेकर गरदन तक का पीछे का भाग

पीठ के गढ़वाली अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • छाती व पेट के पीछे का भाग, पृष्ठ भाग; वस्त्र, कुर्सी, सिंहासन आदि में पीठ टिकाने का पिछला स्थान

Noun, Feminine

  • back, back side, behind, rear part of any thing to give support to back.

पीठ के बुंदेली अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • किसी प्राणी के शरीर का कमर से लेकर गरदन तक का पीछे का भाग जिसके बीचों बीच रीढ़ रहती है

    उदाहरण
    . पीठ उदा. पीठ ठोंकबो-प्रशंसा करके बढ़ावा देना, उदा. पीठ दिखाबो- भाग खड़ा होना। पीठ पीछे-अनुपस्थित में। पीठ पै होबौ- मदद देने के लिए कोई होना।

  • पीठ, शरीर का पिछला भाग, पृष्ठ भाग

पीठ के ब्रज अर्थ

पुल्लिंग

  • बैठने का आसन ; राजसिंहासन ; प्रांत ; वह पवित्र स्थान, जहाँ सती के अंग या आभूषण गिरे थे
  • पेट का पीछे का भाग , पृष्ठ
  • कुरसी का पीछे का भाग

पीठ के मगही अर्थ

अरबी ; संज्ञा

  • (पृष्ठ)मनुष्यों के पीछे का गर्दन और कमर के बीच का अंग, पशुओं की गर्दन और पुट्ठा के बीच का अंग; आसन, चौकी, देवमूर्ति की स्थापना का आधार, वेदी; पवित्र स्थान, सिद्ध-पीठ, शक्तिपीठ

पीठ के मैथिली अर्थ

संज्ञा

  • उचगर आसन, मचिआ, गद्दी
  • देहमे गरदनिसँ डाँड़ धरि पाछु दिसक तल
  • मञ्च
  • विशिष्ट धर्मस्थल; धर्माचार्यक गद्दी
  • विद्या-केन्द्र

Noun

  • back of body.
  • seat, chair, pedestal.
  • platform.
  • some shrines of religious antiquity or seats of saints.
  • centre of learning.

पीठ के मालवी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • शरीर का पिछला पृष्ठ भाग।

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