piT meaning in braj
पिट के ब्रज अर्थ
अकर्मक क्रिया
- मार खाना; हारना, पराजित होना
पिट के हिंदी अर्थ
संस्कृत ; संज्ञा, पुल्लिंग
- पिटक, पिटारा, संदुक
- गृह, मकान
- छत, छाजन
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- किसी वस्तु के आघात से उत्पन्न घ्वनि
- एक हलकी तथा दूसरी कड़ी वस्तु के परस्पर टकराने से उत्पन्न ध्वनि; वह शब्द जो कड़ी तथा छोटी वस्तु के हलके आघात से उत्पन्न होता है
अंग्रेज़ी ; संज्ञा, पुल्लिंग
- थिएटर में गैलरी के आगे की सीटें या आसन
पिट के यौगिक शब्द
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