पोहना

पोहना के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

पोहना के अंगिका अर्थ

क्रिया

  • पशुओं के चरने का स्थान

पोहना के हिंदी अर्थ

सकर्मक क्रिया

  • सूत, तागे आदि में कुछ डालना, पिरौना, गूँथना

    उदाहरण
    . लटकन लटकि रहे मुख ऊपर पँचरंग मणिगण पोहे री । मानहुँ गुरु शनि शुक्र एक ह्वै लाल भाल पर तोहे री । . जुगुति बेधि पुनि पोहियहि रामचरित बर नाग । पहिरहिं सज्जन विमल उर सोभा अति अनुराग ।

  • कोई चीज पिरोने के लिए उसमें आर-पार छेद करना, छेदना

    उदाहरण
    . इक एक सिर सरनिकर छेदे नभ उड़त इमि सोहहीं । जनु कोवि दिनकर करनिकर जहँ तहँ विधुंतुद पोहहीं ।

  • लगाना, पोतना

    उदाहरण
    . भरोसो कान्ह को है मोहिं । सुनहि जशोदा कस तपति भय तू जनि ब्याकुल होढि । पहिलैं पूतना कपट रूप करि आइ स्तनवि विष पोहि । वैसी प्रबल सुद्वै दिन बालक मारि दिखायौ तोहि ।

  • जड़ना, घुसाना, धँसाना, जमाना

    उदाहरण
    . अब जानी पिय बात तुम्हारी । मों सों तुम मुख ही की मिलवत भावति है वह प्यारी । भली करी यह बात जनाई प्रगट दिखाई मोहिं, सूर श्याम यह प्रान पियारी उर मैं राखी पोहि, —सूर॰, १०, २४१३, (ख) कै मधुपावलि मंजु लसै अरविंद लगी मकरंदहि पाहे, —बेनी (शब्द॰)

  • पीसना, घिसना
  • दे॰ 'पोना'

विशेषण, स्त्रीलिंग

  • घुसनेवाला, भेदनेवाला

    उदाहरण
    . यह चार अंग सी सोहनी, चार सैन्य मधि पोहनी । जुग चार चार श्रुति में विदित मृत्युपास मनमोहनी ।

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