praaptisam meaning in hindi

प्राप्तिसम

  • स्रोत - संस्कृत

प्राप्तिसम के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • न्याय में वह प्रत्यवस्थान या आपत्ति जो हेतु और साव्य को ऐसी अवस्था में आविशिष्ट बतलाकर की जाए जब दोनों प्राप्य हों

    विशेष
    . यह एक प्रकार की जाति है। जैसे, एक मनुष्य कहता है कि पर्वत बह्निमान् है, क्योंकि वह धूमवान् है, जैसे, पाकगृह। इस पर वादी के इस कथन पर कि पर्वत धूमवान् है, क्योंकि वह वह्निमान् है जैसे, पाकगृह; प्रतिवादी यह आपत्ति करता है कि जहाँ-जहाँ अग्नि है क्या वहाँ धूम सदा रहता है अथवा कभी नहीं भी रहता। यदि सर्वत्र रहता है तो साध्य और साधक में कोई अंतर नहीं, फिर तो धूम अग्नि का वैसे ही साधक हो सकता है जैसे अग्नि धूम का। इसे प्राप्तिसम जाति कहते हैं।

प्राप्तिसम के तुकांत शब्द

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