pramath meaning in braj
प्रमथ के ब्रज अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- शिव के गण
प्रमथ के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
-
शिव के एक प्रकार के गण या परिषद् जिनकी संख्या 36 करोड़ बताई गई है
विशेष
. कालिका पुराण में लिखा है कि प्रमथों में से कुछ तो भोगविमुख, योगी और त्यागी हैं और कुछ कामुक, भोगपरायण और शिव की क्रीड़ा में सहायक हैं । प्रथम गण बड़े मायावी कहे गए हैं । - वह जो मथन करे
- घोड़ा, अश्व
- धृतराष्ट्र के एक पुत्र का नाम
विशेषण
- मथन करने वाला
- कष्ट देने या पीड़ित करने वाला
प्रमथ के यौगिक शब्द
संपूर्ण देखिएप्रमथ के तुकांत शब्द
संपूर्ण देखिए
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