प्रीति

प्रीति के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

प्रीति के मैथिली अर्थ

संज्ञा

  • प्रेम, अनुराग, रुचि

Noun

  • love, affection, attachment, interest.

प्रीति के हिंदी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • वह सुख जो किसी इष्ट वस्तु को देखने या पाने से होता है , तृप्ति
  • हर्ष , आनंद , प्रस- न्नता
  • प्रेम , स्नेह , प्यार , मुहब्बत
  • मध्यम स्बर की चार श्रुतियों में से अंतिम श्रुति
  • काम की एक पत्नी का नाम जो रति की सौत थी

    विशेष
    . कहते हैं कि किसी समय अनंगवती नाम की एक वेश्या थी जो साघ में विभूतिद्वादशी का विधिपूर्वक व्रत करने के कारण दूसरे जन्म में कामदेव की पत्नी हो गई थी । मत्स्य पुराण में इसका आख्यान है ।

  • फलित ज्योतिष के २७ योगों में से दूसरा योग

    विशेष
    . इस योग में सब शुभ कर्म किए जाते हैं । इस योग में जन्म ग्रहण करने से मनुष्य नीरोग, सुखी, विद्वान् श्रौर धनवान् होता है ।

  • कृपा , दया (को॰)
  • अभिलाषा , आकांक्षा , वांच्छा , (को॰) ९
  • अनुकूलता , सख्य , हितबुद्धि (को॰)
  • अनुरंजन , प्रसादन (को॰)

प्रीति के ब्रज अर्थ

स्त्रीलिंग

  • प्रेम , प्यार; हर्ष, आनंद; कामदेव की एक पत्नी का नाम

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