puj meaning in braj
पुज के ब्रज अर्थ
अकर्मक क्रिया, अकर्मक
- पूजा जाना; आदर का पात्र होना ; पूजा, भेंट आदि का पात्र बनना
पुज के कुमाउँनी अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- श्रद्धा-भक्ति पूर्वक पूजा, अर्चना, पूजा; पत्र, पुष्प, गंध, फल, जल आदि समर्पित करके किसी विशिष्ट देवता का ध्यान, अर्चना
पुज के तुकांत शब्द
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