punarnavaa meaning in maithili
पुनर्नवा के मैथिली अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- एक वनौषधि
Noun, Feminine
- hogweed; Boerhavia procumbens
पुनर्नवा के हिंदी अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
-
एक छोटा औषधीय पौधा जिसकी पत्तियाँ चौलाई की पत्तियों की सी गोल गोल होती हैं, गदह-पूरना नाम की वनस्पति
विशेष
. फूलों के रंग के भेद से यह पौधा तीन प्रकार का होता है—श्वेत, रक्त और नील। श्वेत पुनर्नवा को विषखपरा और रक्त पुनर्नवा को साँठ या गदह-पूरना कहते हैं। श्वेत पुनर्नवा या विषखपरे का पौधा ज़मीन पर फैला होता है, ऊपर की ओर बहुत कम जाता है। फूल सफे़द होते हैं। साँठ या गदह-पूरना ऊसर और कँकरीली ज़मीन पर अधिक होती है। फूल लाल होते हैं, डंठल लाल होते हैं और पत्तियाँ भी किनारे पर कुछ ललाई लिए होती हैं। पुनर्नवा की जड़ मूसला होती है और नीचे दूर तक गई होती है। औषध में इसी जड़ का व्यवहार अधिकतर होता है। पुनर्नवा कड़वी, गरम, चरपरी, कसैली, रुचिकारक, अग्निदीपक, रूखी, खारी, दस्तावर, हृदय और नेत्र को हितकारी, तथा सूजन, कफ़, वात, खाँसी, बवासीर, सूल, पांडू रोग इत्यादि को दूर करने वाली मानी जाती है। नेत्र रोगों में तो यह बहुत उपकारी मानी जाती है। इसकी जड़ को पीते भी हैं और घिसकर घी आदि के साथ अंजन की तरह लगाते भी हैं। ऐसा प्रसिद्ध है कि इसके सेवन से आँखें नई हो जाती हैं।उदाहरण
. पुनर्नवा के फल छोटे और चिपचिपे बीजों से युक्त होते हैं।
पुनर्नवा के तुकांत शब्द
संपूर्ण देखिए
सब्सक्राइब कीजिए
आपको नियमित अपडेट भेजने के अलावा अन्य किसी भी उद्देश्य के लिए आपके ई-मेल का उपयोग नहीं किया जाएगा।
क्या आप वास्तव में इन प्रविष्टियों को हटा रहे हैं? इन्हें पुन: पूर्ववत् करना संभव नहीं होगा