pu.nDravardhan meaning in hindi

पुंड्रवर्धन

  • स्रोत - संस्कृत

पुंड्रवर्धन के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • पुंड्र देश की प्राचीन राजधानी

    विशेष
    . यह नगर किसी समय में हिंदुओं और बौद्धों दोनों का तीर्थ था । स्कदंपुराण में यहाँ 'मंदार' नामक शिवमुर्ति का होना लिखा है । देवी भागवत के अनुसार सती के देहांश गिरने से जो पीठ हुए उनमें एक यह भी है । चीनी यात्री हुएन्सांग ने इस नगर को एक समृद्ध नगर लिखा है । इसकी स्थिति कहाँ है, इसपर मतभेद है । कोई इसे रंगपुर के पास कहते है और कोई पबना को ही प्राचीन पुड्रवर्धन के स्थान पर मानते हैं । पर कुछ लोगों का कहना है कि यह नगर गंगातट के पास होना चाहिए जैसा कथासरित्सागर और हुएन्सांग के उल्लेख से पाया जाता है । अतः मालदह से दो कोस उत्तरपुर्व जो फीरोजाबाद नाम का स्थान है वही प्राचीन पुंड्रवर्धन हो सकता है । वहाँ के लोग उसे अब तक पौंड़ोवा, पांडया या बड़पुँड़ो कहते हैं ।

पुंड्रवर्धन के तुकांत शब्द

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