पुटपाक

पुटपाक के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

पुटपाक के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • (वैद्यक) पत्ते के दोने में रखकर औषध पकाने का विधान अथवा भस्म बनाने की क्रिया

    विशेष
    . पकाई जाने वाली औषध को गंभारी, बरगद, जामुन, आदि के पत्तों में चारों ओर से लपेट दें और कसकर बाँध दें। फिर पत्तों के ऊपर गीली मिट्टी का अंगुल दो अंगुल मोटा लेप कर दें। फिर उस पिंड को उपले की आग में डाल दें। जब मिट्टी पककर लाल हो जाय तब समझें कि दवा पक गई। नेत्र रोगों में भी पुटपाक की रीति से औषध पकाकर उसका रस आँख में डालने का विधान है। स्निग्ध मांस और कुछ औषध लेकर द्रव पदार्थ मिलाकर पीस डालें फिर सबको ऊपर लिखित रीति से पकाकर उसका रस निचोड़कर आँख में डालें।

  • मुँहबंद बर्तन में दवा रखकर उसे गड्ढे के भीतर पकाने का विधान

    विशेष
    . भस्म बनाने के लिए धातुएँ प्रायः इसी रीति से फूँकी जाती हैं।

  • पुटपाक द्वारा सिद्ध रस या औषध

    उदाहरण
    . रावण सो रस राज सुभट रस सहित लंक खल खलतो। करि पुटपार नाकनायक हित घने घने घर घलतो।

पुटपाक के अँग्रेज़ी अर्थ

Noun, Masculine

  • a typical method of preparing drugs (the various substances being wrapped up in leaves, covered with clay and heated in fire)

पुटपाक के कुमाउँनी अर्थ

विशेषण

  • औषधियों को पकाने की एक क्रिया, अच्छी तरह पकाया हुआ

पुटपाक के ब्रज अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • वैद्यक में कटोरे के आकार के दो बर्तनों में औषधि पकाने की क्रिया

सब्सक्राइब कीजिए

आपको नियमित अपडेट भेजने के अलावा अन्य किसी भी उद्देश्य के लिए आपके ई-मेल का उपयोग नहीं किया जाएगा।

क्या आप वास्तव में इन प्रविष्टियों को हटा रहे हैं? इन्हें पुन: पूर्ववत् करना संभव नहीं होगा