puurNkaashyap meaning in hindi

पूर्णकाश्यप

  • स्रोत - संस्कृत

पूर्णकाश्यप के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • बौद्धशास्त्रों के अनुसार उन छह तीर्थिकों में से एक जिन्हें भगवान् बुद्ध ने शास्त्रार्थ में पराजित किया था

    विशेष
    . बुद्ध से पहले ही इन्होंने अपने मत का प्रचार आरंभ कर दिया था और बहुत से लोग उनके अनुयायी हो गए थे। साधारण लोगों से लेकर मगध के राजा तक इन पर भक्ति और श्रद्धा रखते थे। भूटान में मिले हुए एक बौद्ध ग्रंथ के अनुसार पूर्णकाश्यप छह तीर्थिकों में प्रधान थे। ये कोई कपड़ा नहीं पहनते थे, नंगे बदन घूमा करते थे। ये कहते थे, जगत् अनंत भी है और सांत भी, अक्षय भी है, क्षयशील भी, असीम भी है और ससीम भी, चित्त और देह भिन्न भी है और अभिन्न भी। परलोक का अस्तित्व और अनस्तित्व दोनों ही है। पर जन्म नहीं है, इस जन्म में ही जीव का शेष, ध्वंस या मृत्यु होती है। मरने के बाद फिर जन्म नहीं होता। शरीर चार भूतों से ही—क्षिति, अप, तेज और मरुत् से बना है। मृत्यु के पश्चात् वह क्रम से पृथ्वी, जल, अग्नि और वायु में मिल जाता है। उनके मत से यही परमतत्व था। बुद्ध से पराजित होने का इन्हें इतना दुःख हुआ था कि ये गले में बालू से भरा घड़ा बाँधकर डूब मरे। श्रावस्ती और जेतवन में बुद्ध के साथ इनकी मूर्ति भी पाई गई है ।

पूर्णकाश्यप के तुकांत शब्द

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