ratnachturdash meaning in braj
रत्नचतुर्दश के ब्रज अर्थ
पुल्लिंग
- चौदह रत्न जो सागर मंथन से निकले थे, यथा-१. लक्ष्मी; कौस्तुभ मणि; रंभा; वारुणी; सुधा; दक्षिणावर्त शंख; ऐरावत हाथीं, ८. धन्वंतरि, ९. धनुष, १०. विष, ११. कामधेनु, १२. कल्पतरु, १३. चंद्रमा, १४. उच्चैश्रवा घोड़ा
रत्नचतुर्दश के तुकांत शब्द
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