roh meaning in braj
रोह के ब्रज अर्थ
अकर्मक क्रिया, अकर्मक, सकर्मक
- सवार होना , चढ़ना, ऊपर की ओर गमन करना
- चढ़ाना , सवार कराना, ऊपर करना
पुल्लिंग
- चढ़ाई , आक्रमण ; अंकुर; कली
स्त्रीलिंग
- मछ्ली विशेष
रोह के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- चढ़ना, चढ़ाई
- कली, कुड्मल
- अंकुर, अँखुआ
- निकलना, उगना, अंकुरित होना
- उत्पत्ति का निदान या निमित्त
- सवार
-
नील गाय
उदाहरण
. रोह मृगा संशय बन हाँके पारथ बाना मेलै। -
घाव भरने के समय बँधने वाली पपड़ी, अंगुर, अंकुर
उदाहरण
. विरह कुल्हारी तन बहै, घाव न बाँधे रोह। मरने का संसय नहीं, छुट गया भ्रम मोह।
रोह के पर्यायवाची शब्द
संपूर्ण देखिएरोह के मैथिली अर्थ
संज्ञा
- स्मृति, सुधि
Noun
- remembrance.
रोह के तुकांत शब्द
संपूर्ण देखिए
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