saa.nTh meaning in braj
साँठ के ब्रज अर्थ
सकर्मक क्रिया, सकर्मक
- पकड़े रहना
पुल्लिंग
-
पैर में पहनने का साँकड़ा नामक गहना ; गन्ना ; सरकंडा ; हेलमल , संबंध
उदाहरण
. –संग यह नहि बनत-नीको होइ कसैहु साँठ। - दे० 'सांठी'
साँठ के हिंदी अर्थ
देशज ; संज्ञा, पुल्लिंग
- एक प्रकार का कड़ा जिसे प्रायः राजपूताने के किसान पैर में पहनते हैं
- दे॰ 'साँकड़ा'
संस्कृत ; संज्ञा, पुल्लिंग
- ईख, गन्ना
- मेलजोल, मेल- मिलाप, दे॰ 'साँटी', जैसे,—साँठ गाँठ
- सरकंडा
- वह लंबा डंडा जिससे अन्न पीटकर दाने निकालते हैं
साँठ के यौगिक शब्द
संपूर्ण देखिएसाँठ के बुंदेली अर्थ
क्रिया-विशेषण
- अनुचित सौदा
साँठ के मैथिली अर्थ
संज्ञा
- सैंठनाइ, सजाएब
- साँठिकें पठाओल सनेस-बारी, भार-दोर
Noun
- setting properly.
- presents, spl edibles arranged in basket and sent through a bearer.
साँठ के तुकांत शब्द
संपूर्ण देखिए
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