saa.nvaa.n meaning in hindi
साँवाँ के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
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कँगनी या चेना की जाति का एक अन्न जो सारे भारत में बोया जाता है
विशेष
. यह प्रायः फागुन चैत में बोया जाता है और जेठ में तैयार होता है। कहीं- कहीं इसकी बोआई-सावन में होती है और भादों तक यह काट लिया जाता है। यह बरसाती अन्न है। इसके विषय में यह कहावत पूर्वी जिलों में प्रसिद्ध है कि 'साँवाँ' साठी साठ दिना, देव बरीस रात दिना। यह अन्न बहुत ही सुपाच्य और बलवर्धक माना जाता है और प्रायः चावल की भाँति उबालकर खाया जाता है। कहीं -कहीं रोटी के लिए इसका आटा भी तैयार किया जाता है। इसकी हरी पत्तियाँ और डंठल पशुओं के लिए चारे की भाँति काम में आते हैं। पंजाब में कहीं-कहीं केवल चारे के लिए भी इसकी खेती होती है।अनुमान है कि यह मिस्र या अरब से भारत में आया है।
साँवाँ के पर्यायवाची शब्द
संपूर्ण देखिएसाँवाँ के तुकांत शब्द
संपूर्ण देखिएसाँवाँ के अँग्रेज़ी अर्थ
Noun, Masculine
- little millet a coarse foodgrain
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