sai meaning in braj
सै के ब्रज अर्थ
विशेषण
-
समस्त , सौ, जो गिनतो में पचास का दूना हो
उदाहरण
. रची चाँदनी सेज सुम्नादि नीकी, अहे से निसा के निसा राम जी की। बो०।२१४
सै के हिंदी अर्थ
संस्कृत ; विशेषण
-
सौ
विशेष
. इसका प्रयोग अधिकतर किसी संख्या के आगे होता है ।उदाहरण
. संवत सौरह सै इकतीसा । करउँ कथा हरिपद धरि सीसा ।
संस्कृत ; संज्ञा, स्त्रीलिंग
- तत्व, सार, माद्दा
-
वीर्य, शक्ति, ओज
उदाहरण
. बिनती सों परसन्न सद ती सों प्रसन्न मन । विनसै देखत सत्रु अहै यह सै जाके तन । - बढ़ती, बरकत, लाभ
- तत्त्व, सार
- बल-वीर्य, ओज, शक्ति
संस्कृत ; विशेषण
-
समान, तुल्य
उदाहरण
. लखण बतीसे मारुवी निधि चंद्रमा निलाट । काया कूँ कूँ जेहवी कटि केहरि सै घाट ।
सै के यौगिक शब्द
संपूर्ण देखिएसै के कुमाउँनी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- दे०-साय
सै के गढ़वाली अर्थ
से
विशेषण
- सही, ठीक, उचित
विशेषण
- समान, तुलना में, सा
Adjective
- correct,accurate.
Adjective
- similar,equal; compared to, by means of.
सै के बुंदेली अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- शह, दूसरे के बल का सहारा, बढ़ावा, उत्तेजित करने की क्रिया, शतरंज के खेल में बादशाह पर मार की स्थिति
सै के मगही अर्थ
संज्ञा
- सौ; सौ की संख्या
सै के मैथिली अर्थ
सए
- दे. सहि
संख्यात्मक
- दस गुना दस
Numeral
- hundred.
सै के तुकांत शब्द
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