सखरी

सखरी के अर्थ :

सखरी के अंगिका अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • कच्ची रसोई

सखरी के हिंदी अर्थ

हिंदी ; संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • कच्ची रसोई, कच्चा भोजन, जैसे— दाल, भात, रोटी आदि जो हिंदू लोग चौके के बाहर या किसी अन्य आदमी के हाथ की नहीं खाते और जिसमें छूत मानते हैं, देखिए : 'निखरी'

    विशेष
    . हिन्दुओं में, दाल भात, रोटी आदि, खाद्य-पदार्थ जो घी में नहीं तले या पकाये जाते और इसलिए जो चौके के बाहर या किसी अन्य जाति के आदमी के हाथ के बनाए हुए खाने में छूत और दोष मानते हैं।


संस्कृत ; संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • छोटा पहाड़, पहाड़ी (डिंगल)

सखरी के बज्जिका अर्थ

संज्ञा

  • जूठा

सखरी के ब्रज अर्थ

स्त्रीलिंग

  • छोटी पहाड़ी

  • दाल, भात, रोटो आदि की रसोई , वह रसोई जो चौके में बैठकर ही खाई जा सके

सखरी के मालवी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग, स्त्रीलिंग

  • दाल रोटी आदि कच्ची रसोई जो किसी के छूने या खाने से सखरी हो जाती है।

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