sampragyaat meaning in hindi
संप्रज्ञात के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
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योग में समाधि के दो प्रधान भेदों में से एक, वह समाधि जिसमें आत्मा विषयों के बोध से सर्वथा निवृत्त न होने के कारण अपने स्वरूप के बोध तक न पहुँची हो
विशेष
. ध्यान या समाधि की पूर्व दशा में चार प्रकार की समापत्तियाँ कहीं गई हैं जिनमें शब्द, अर्थ, विषय आदि में से किसी न किसी का बोध अवश्य बना रहता है। इन चारों में से किसी समापत्ति के रहने से समाधि संप्रज्ञात कहलाती है। संप्रज्ञात समाधि या समापत्ति के चार भेद हैं- सवितर्क, निर्वितर्क, सविचार और निर्विचार।
विशेषण
- अच्छी तरह विवेचित, ज्ञात या बोधयुक्त
संप्रज्ञात के तुकांत शब्द
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