sa.nvartakeetu meaning in hindi

संवर्तकेतु

  • स्रोत - संस्कृत

संवर्तकेतु के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक केतु का नाम

    विशेष
    . यह संध्या समय पश्चिम देश में उदय होता है और आकाश के तृतीयांश तक फैला रहता है । इसकी चोटी धूमिल रंग लिए ताम्र वर्ण की होती है । इसकी उदय का फल राजाओं का नाश कहा गया है ।

संवर्तकेतु के तुकांत शब्द

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