श के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

श के ब्रज अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • कल्याण, मंगल, शिव
  • शस्त्र, आयुध, हथियार

श के अँग्रेज़ी अर्थ

  • the first of the conventional sibilant—trio (श, ष, स) of the Devna:gri: alphabet. In current Hindi sound-pattern, however, the cerebral (ष) has merged its identity into the palatal sibilant (श)

श के हिंदी अर्थ

  • हिंदी वर्णमाला में व्यंजन का तीसवाँ वर्ण, इसका उच्चारण प्रधानतया तालु का सहायता से होता है, इससे इसे तालव्य श कहते हैं, यह महाप्राण है और इसका उच्चारण में एक प्रकार का घर्षण होता है, इसलिए इस ऊष्मा भी कहते हैं, आभ्यंतर प्रयत्न के विचार से यह इषतस्पृष्ट है और इसमे बाह्य प्रयत्न श्वास और घोष होता है

संज्ञा, पुल्लिंग

  • शिव
  • कल्याण, मंगल
  • शस्त्र, हथियार
  • विनाशक, काटनेवाला
  • शास्त्र
  • आनंद, सौख्य

श के अंगिका अर्थ

श:

  • ई अंगिका वर्णमाला में भी, श रॉ उच्चारण 'स' से ही होय छै, मतरकि लिखित प्रयोग वांछनीय छै, ऐकरों उच्चारण स्थान तालु छेकय, यहीं से ई तालव्य श कहलाय छै

संज्ञा, पुल्लिंग

  • शिव, महादेव
  • शास्त्र, शस्त्र

श के कन्नौजी अर्थ

  • देवनागरी वर्णमाला का तीसवाँ और ऊष्म वर्ग का पहला व्यंजन वर्ण, उच्चारण स्थान तालु, इसीलिए इसे तालव्य 'श' कहते हैं

श के कुमाउँनी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • सौ, शतक

    उदाहरण
    . 'एक श रुपै'-एक सौ रुपये। . 'बजारा भौले के मार, भौनी श ले' अर्थात बाज़ार के भाव की मार, भवानी साह की भी मार।

  • पर्वतीय क्षेत्र की वैश्य जाति, व्यापारी

श के गढ़वाली अर्थ

  • देवनागरी वर्णमाला का तीसवाँ व्यंजन वर्ण, इस वर्ण का प्रयोग सामान्यतः लिखित साहित्य में ही मिलता है बोलचाल में यह 'स' वर्ण के साथ परिवर्तनीय है
  • thirtieth consonant of the Devanagari alphabet, normally used in written material only.

श के बुंदेली अर्थ

  • हिंदी वर्णमाला देवनागरी लिपि का ऊष्म वर्ग का वर्ण, इसका उच्चारण स्थान तालव्य है

श के मैथिली अर्थ

  • वर्णमाला का तीसवाँ व्यंजन
  • 30th consonant of alphabet.

श के मालवी अर्थ

  • मालवी एवं देवनागरी वर्णमाला का व्यंजन

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