shankhdraav meaning in hindi
शंखद्राव के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
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वैद्यक के अनुसार एक प्रकार का बहुत तीक्ष्ण अर्क जिसमें शंख भी गल जाता है जो उदर रोगों के लिए उपकारी माना गया है
विशेष
. आध सेर हीरा कसीस, सेर भर सेंधा नमक और सेर भर शोरा चूर्णा करके ढेकली यंत्र से रस निकाल लिया जाता है, जो शंखद्राव कहलाता है। कहते हैं, इसके सेवन से शूल, गुल्म अर्श, प्लीहा, उदररोग, अजीर्ण और वातरोग सब दूर होते हैं। इसे काँच या चीनी की शीशी में रखना चाहिए; अन्यथा पात्र गल जायगा। इसके सेवन के समय मुँहमें घी लगा देना चाहिए, नहीं तो खिह्ला और दाँतों को हानि पहुँचेगी।
विशेषण
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कोई ऐसा तीक्ष्ण रस था क्षार जिसमें डालने से शंख गल जाय, शंख को भी गला डालने वाला
उदाहरण
. शंखद्राव अर्क का वैद्यक में महत्व है।
शंखद्राव के तुकांत शब्द
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