shaursenii meaning in maithili
शौरसेनी के मैथिली अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- प्राकृत भाषा का एक क्षेत्रीय रूप
Noun, Feminine
- a regional form of the Middle Indo-Aryan
शौरसेनी के हिंदी अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
-
प्राचीन काल की एक प्रसिद्ध प्राकृत भाषा जो शूरसेन (वर्तमान ब्रजमंडल) प्रदेश में बोली जाती थी और जिससे आधुनिक खड़ी बोली का विकास हुआ है
विशेष
. यह मध्य देश की प्राकृत थी और शूरसेन देश में इसका प्रचार होने के कारण यह शौरसेनी कहलाई। मध्य देश में ही साहित्यिक संस्कृत का अभ्युदय हुआ था और यहीं की बोलचाल की भाषा से साहित्य की शौरसेनी प्राकृत का जन्म हुआ। इस पर संस्कृत का बहुत अधिक प्रभाव पड़ा था और इसीलिए इसमें तथा संस्कृत में बहुत समानता है। यह अपेक्षाकृत अधिक पुरानी, विकसित और शिष्ट समाज की भाषा थी। वर्तमान हिंदी का जन्म शौरेसेनी और अर्धमागधी प्राकृतों तथा शौरसेनी और अर्धमागधी अपभ्रंशों से हुआ है। - प्राचीन काल की एक प्रसिद्ध अपभ्रंश भाषा जिसका प्रचार मध्य देश के लोगों और साहित्य में था तथा जो नागर भी कहलाती थी
शौरसेनी के ब्रज अर्थ
शूरसेनी
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- शूरसेन देश में बोली जाने वाली भाषा
शौरसेनी के तुकांत शब्द
संपूर्ण देखिए
सब्सक्राइब कीजिए
आपको नियमित अपडेट भेजने के अलावा अन्य किसी भी उद्देश्य के लिए आपके ई-मेल का उपयोग नहीं किया जाएगा।
क्या आप वास्तव में इन प्रविष्टियों को हटा रहे हैं? इन्हें पुन: पूर्ववत् करना संभव नहीं होगा