shikhriNii meaning in braj
शिखरिणी के ब्रज अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- रोमावली
- श्रेष्ठ स्त्री
- नारीत्व
- छेद विशेष
- बेला मोतिया निवारी का पौधा
- किशमिश
शिखरिणी के हिंदी अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- एक औषधीय पौधे की फली जिसका उपयोग पेट की मरोड़ दूर करने के लिए किया जाता है, रसाल
- नारीरत्न, स्त्रियों में श्रेष्ठ
- रोमावला
- मल्लिका, बेला, मोतिया
- नेवारी का पौधा
- शिखरन नामक पेय पदार्थ
- जूही की जाति का एक सफ़ेद फूल वाला पौधा
- किशमिश, लघुद्राक्षा
- मूर्वा, मरोड़फली, मुरहरी
- दही और चीना का रस या शर्बत
- सत्रह अक्षरों की एक वर्णवृत्ति जिसमें क्रमशः यगण, मगण, नगण, सगण, भगण, लघु और गुरु होते हैं तथा छठे और ग्यारहवें वर्ण पर यति होती है, जैसे—शिला पै गेरू तें कुपित ललना तोहि लिखि कै
विशेषण, स्त्रीलिंग
- शिखर या चूड़ावाली
- नोकदार, अनीदार
शिखरिणी के पर्यायवाची शब्द
संपूर्ण देखिएशिखरिणी के तुकांत शब्द
संपूर्ण देखिए
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