shishupaal meaning in braj

शिशुपाल

शिशुपाल के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

शिशुपाल के ब्रज अर्थ

पुल्लिंग

  • चेदि देश का राजा जो अपशब्द बोलने के अपराध में श्री कृष्ण द्वारा मारा गया था

शिशुपाल के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • चेदि देश का एक प्रसिद्ध राजा जिसे श्रीकृष्ण ने मारा था

    विशेष
    . महाभारत में लिखा है कि दमघोष के घर एक पुत्र उत्पन्न हुआ था जिसके तीन आँखें और चार हाथ थे और जो जनमते ही गधे ���ी तरह रेंकने लगा था । इससे डरकर माता- पिता ने इसका त्याग करना चाहा था; पर इतने में आकाश- वाणी हुई कि यह शिशु बहुत ही बलवान् ओर वीर होगा, तुम लोग इस शिशु का पालन करो । (इसीलिये इसका नाम शिशुपाल रखा गया था) । इसका नाश करनेवाला भी पृथ्वी पर उत्पन्न हो चुका है । आकाशवाणी सुनकर शिशुपाल की माता ने आकाश की ओर देखकर पूछा कि इसका नाश कौन करेगा ? फिर आकाशवाणी हुई कि जिस आदमी की गोद में जाते ही इसकी तीसरी आँख और अतिरिक्त दोनों बाँहें जाती रहेंगी, वही इसका प्राण लेगा । दमघोष ने बहुत से राजाओं आदि को बुलाकर उनकी गोद में अपना पुत्र दिया, पर उसकी तीसरी आँख और दोनों अतिरिक्त भुजाएँ ज्यों की त्यों बनी रहीं । अंत में जब श्रीकृष्ण ने उसे गोद में लिया, तब उसके दो हाथ भी गिर गए और तीसरा नेत्र भी अद्दश्य हो गया । इसपर शिशुपाल की माता ने श्रीकृष्ण से कहा कि तुम इसके सब अपराध क्षमा करना । श्रीकृष्ण ने प्रतिज्ञा की कि मैं इसके सौ अपराध तक क्षमा करूँगा।

    उदाहरण
    . देश देश के नृपति जुरे सब भीष्म नृपति के धाम । रुक्म कह्यो शिशुपालहिं दैहौं नहीं कृष्ण सों काम ।

सब्सक्राइब कीजिए

आपको नियमित अपडेट भेजने के अलावा अन्य किसी भी उद्देश्य के लिए आपके ई-मेल का उपयोग नहीं किया जाएगा।

क्या आप वास्तव में इन प्रविष्टियों को हटा रहे हैं? इन्हें पुन: पूर्ववत् करना संभव नहीं होगा