श्री

श्री के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

श्री के अँग्रेज़ी अर्थ

Noun, Feminine

  • Lakshmi the goddess of wealth
  • wealth, treasure, prosperity
  • lustre, brilliance, radiance, splendour

Adjective

  • an honorific adjective prefixed to male names
  • Mr

श्री के हिंदी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • धन की अधिष्ठात्री देवी जो विष्णु की पत्नी कही गई हैं, विष्णु की पत्नी, लक्ष्मी , कमला

    उदाहरण
    . तजि वैकुंठ गरुड़ तजि श्रा तजि निकट दास के आयो ।

  • सरस्वती
  • धूप , सरल वृक्ष
  • लवंग , लौंग
  • कमल , पद्म
  • बेल , बिल्व बृक्ष
  • ऋद्धि नामक अष्टवर्गीय ओषधि
  • सफेद चंदन , संदल ९
  • धर्म, अर्थ और काम , त्रिवर्ग
  • संपत्ति , धन , दौलत
  • विभूति , ऐश्वर्ग
  • उपकरण
  • अधिकार
  • कीर्ति , यश
  • प्रभा , शोभा
  • कांति , चमक
  • बृद्धि
  • सिद्धि १९
  • एक प्रकार का पद-चिह्न

    उदाहरण
    . स्वस्तिक अष्टकोण श्री केरा । हल मूसल पन्नग शर हेरा ।

  • स्त्रियों का बेंदी नामक आभूषण

    उदाहरण
    . श्री जो रतन माँग बैठारा । जानहु गगन टूट निस तारा ।

  • ऊर्ध्व पुंड्र के बीच की लंबी नोकदार लाल रंग की रेखा
  • चंद्रमा की बारहवीं कला
  • सजावट , रचना
  • उक्ति , वाणो
  • ऋक्, साम और यजुर्वेद , वेदत्रयी
  • पक्व करना , एकदिल करना , पकान
  • समझ , ज्ञान , बुद्धि
  • आदरसूचक शब्द जो नाम के आदि में लिखा जाता है

    विशेष
    . संन्यासी, महात्माओं के नाम के आगे श्रो १०८ लिखा जाता है । माता, पिता और गुरु के लिये श्री के साथ ६, स्वामी के लिये ५, शत्रु के लिये ४, मित्र के लिये ३, नौकर के लिये २ और शिष्य, सुत और स्त्री के लिये श्री के साथ १ लिखने की प्राचीन प्रणाली है ।

    उदाहरण
    . श्री पुरुषों के नाम के आगे लगाया जाता है ।


संज्ञा, पुल्लिंग

  • कुबेर
  • ब्रह्मा
  • विष्णु
  • वैष्णावों का एक संप्रदाय
  • एक वृत्त का नाम , यह एकाक्षरा वृत्ति है , इसके प्रत्येक पद में एक गुरु होता है , यथा—गो , श्री , धी , ही
  • संपूर्ण जाति का एक राग, जो हनुमत् के मत से छह् रागों के अंतर्गत पाँचवाँ राग है

    विशेष
    . यह धैवत स्वर की संतान और पृथ्वी की नाभि से उत्पन्न माना गया है । इसकी ऋतु शरद् और वार शुक्र है । कहते हैं, इस राग को शुद्धतापूर्वक गाने से सूखा वृक्ष भी हरा हो जाता है । शास्त्र के अनुसार इस राग की रागि- नियाँ ये हैं—गौरी, पूरबी, मालवी, मुलतानी, और जयती । इसका सहचर मंगलराग और सहचरी चंद्रावती रागिनी है । श्यामकल्याण, मारू, एमन, मौन ध्यान और गौड़ इसके पुत्र हैं । भीमपलाश्री, धनाश्री, मालश्री, वारवा, चित्राचकोरी इसकी पुत्रवधुएँ हैं । हनुमत् के अनुसार मारवा, पूरवा, श्याम, हेम, क्षेत्र, हंबिरिक, भूपाल, जेतरा, कल्याण, ध्यानकल्याण इसके पुत्र हैं । इसकी स्त्रियाँ मालवी, त्रिवेणी, गौरी, गौरा और पूरबी है, तथा इसकी प्रियाएँ एमनि, टंकी, माली, गौरा, नागध्वनि और चेतकी हैं ।

    उदाहरण
    . श्री से कई राग उत्पन्न हुए हैं ।


विशेषण

  • योग्य
  • सुंदर, श्रेष्ठ
  • मिश्र, मिश्रित
  • शुभ

श्री के कन्नौजी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • आदरसूचक शब्द जो प्रायः व्यक्तियों के नाम के पहले लगाया जाता है. 2. शोभा

श्री के कुमाउँनी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • विद्या, बुद्धि, सम्पन्नता, रूप आदि गुणों से पूर्ण शोभा, लक्ष्मी, सम्पत्ति; एक देवी जो धन की अधिष्ठात्री मानी जाती है, महालक्ष्मी, कमला, लोक माता, सुन्दरता

श्री के गढ़वाली अर्थ

विशेषण

  • अनुग्रह, कान्ति, ऐश्वर्य, समृद्धि,कीर्ति, यश; विष्णु की पत्नी का एक नाम; एक आदरसूचक शब्द जो पुरुषों के नाम से पूर्व लगाया जाता है

Adjective

  • beauty, glamour, grace, prosperity, fame, Laxmi the wife of Lord Vishnu; an honorific prefix to a male name or deity or sacred place.

श्री के ब्रज अर्थ

पुल्लिंग, स्त्रीलिंग

  • लक्ष्मी। कमला।; सरस्वती; आदर सूचक उपसर्ग या प्रत्यय विशेष ; शोभा; संपत्ति , धन, ऐश्वर्य ; छवि ; रोरी, कुंकुम , ८. वाणी, ९. लौंग
  • चंदन , हरिचंदन

श्री के मैथिली अर्थ

श्रीमद्, श्रीयुत, श्रीयुक्त

  • लक्ष्मी
  • सम्पत्ति, समृद्धि
  • ऐश्वर्य
  • राजलक्ष्मी
  • [टिप्पणी-व्यक्तिक नामक आदिमे एकर प्रयोग प्राचीन परम्परानुसार केवल जीवित व्यक्तिमे होइत अछि, अतः ई ओहि व्यक्तिक जीवितत्व सूचित करैत अछि; परन्तु आब अडरेजीक Mr. जको सभ पुरुषक नाममे आदरार्थ वा निरर्थक लगाओल जाइत अछि]

  • धार्मिक ग्रंथक नाममे ई पूज्यताक बोधक होइत अछि
  • श्रीमत्काश्यपसंहिता, श्रीमद्भगवद्गीता

  • नामक पहिने आदर व्यक्त करत आछ

  • नामक पहिने आदर व्यक्त करत आछ
  • the goddess of wealth.
  • wealth, Prosperity, fortune.
  • majesty.
  • kingship personified as a goddess, crown.
  • [Note- Traditionally it is prefixed to the name of only living men and women and hence denotes the state of being alive. But now it is tagged to the names of all men honorifically or redundantly like Mr. in English.]

  • Denotes sacredness with the name of books.

  • Denotes honour when prefixed with names, monsieur.

  • Denotes honour when prefixed with names, monsieur.

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