shrotaḥaapatti meaning in hindi
श्रोतःआपत्ति के हिंदी अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
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बौद्ध शास्त्र के अनुसार मुक्ति या निर्वाणसाधना की प्रथम अवस्था जिसमें बंधन ढीले होने लगते हैं
विशेष
. बौद्ध शास्त्र में पाँच प्रतिबंध माने गए ��ैं—आलस्य, हिंसा, काम, विचिकित्सा और मोह । श्रोतःआपन्न को ये पाँचों बंधन छोड़ते तो नहीं पर क्रमणः ढोले होते जाते हैं । इस अवस्था को प्राप्त साधक को केवल सात बार और जन्म लेना पड़ता है । इस अवस्था के उपरांत 'सकृदागामी' की अवस्था है जिसमें प्रथम तीन बंधन सर्वथा छूट जाते हैं और एक ही जन्म और लेना रह जाता है ।
श्रोतःआपत्ति के तुकांत शब्द
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