taa.D meaning in maithili
ताड़ के मैथिली अर्थ
संज्ञा
- एक वृक्ष
Noun
- palmyra tree, Borassus flabelli formis
ताड़ के अँग्रेज़ी अर्थ
Noun, Masculine
- the palmyra tree, palm, toddy tree
Noun, Feminine
- understanding, comprehension, speculation, discernment
ताड़ के हिंदी अर्थ
संस्कृत ; संज्ञा, पुल्लिंग
-
शाखारहित एक बड़ा पेड़ जो खंभे के रूप में ऊपर की ओर बढ़ता चला जाता है और केवल सिरे पर पत्ते धारण करता है
विशेष
. ये पत्ते चिपटे मज़बूत डंठलों में, जो चारों ओर निकले रहते हैं, फैले हुए पर की तरह लगे रहते हैं और बहुत ही कड़े होते हैं। इसकी लकड़ी की भीतरी बनाबट सूत के ठोस लच्छों के रूप की होती है। ऊपर गिरे हुए पत्तों के डंठलों के मूल रह जाते हैं जिससे छाल खुरदुरी दिखाई पड़ती है। चैत के महीने में इसमें फूल लगते हैं और वैशाख में फल, जो भादों में ख़ूब पक जाते हैं। फलों के भीतर एक प्रकार की गिरी और रेशेदार गूदा होता है जो खाने के योग्य होता है। फूलों के कच्चे अंकुरों को पाछने से बहुत-सा रस निकलता है जिसे ताड़ी कहते हैं और जो धूप लगने पर नशीला हो जाता है। ताड़ी का व्यवहार नीच श्रेणी के लोग मद्य से स्थान पर करते हैं। बिना धूप लगा रस मीठा होता है जिसे नीरा कहते हैं। महात्मा गाँधी ने नीरा का प्रयोग उचित बताया था। नीरा तथा ताड़ी दोनों में विटामिन-बी प्रचुर मात्रा में होता है। बेरीबेरी रोग में दोनों अत्यंत लाभकारी होते हैं। ताड़ प्रायः सब गरम देशों में होता है। भारतवर्ष, अरब, बरमा, सिंहल, सुमात्रा, जावा आदि द्वीपपुंज तथा फारस की खाड़ी के तटस्थ प्रदेश में ताड़ के पेड़ बहुत पाए जाते हैं। ताड़ की अनेक जातियाँ होती हैं। तमिल भाषा में ताल-विलास नामक एक ग्रंथ है जिसमें 701 प्रकार के ताड़ गिनाए गए हैं और प्रत्येक का अलग-अलग गुण बतलाया गया है। दक्षिण में ताड़ के पेड़ बहुत अधिक होते हैं। गोदावरी आदि नदियों के किनारे कहीं-कहीं तालवनों की विलक्षण शोभा है। इस वृक्ष का प्रत्येक भाग किसी न किसी काम में आता है। पत्तों से पंखे बनते हैं और छप्पर छाए जाते हैं। ताड़ की खड़ी लकड़ी मकानों में लगती है। लकड़ी खोखली करके एक प्रकार की छोटी-सी नाव भी बनाते हैं। डंठल के रेशे चटाई और जाल बनाने के काम में आते हैं। कई प्रकार के ऐसे ताड़ होता हैं जिनकी लकड़ी बहुत मज़बूत होती है। सिंहल के जफ़ना नामक नगर से ताड़ की लकड़ी दूर-दूर भेजी जाती थी। प्राचीन काल में दक्षिण के देशों में तालपत्र पर ग्रंथ लिखे जाते थे। ताड़ का रस औषध के काम में आ आता है। ताड़ी की पुलटिस फोड़े या घाव के लिए अत्यंत उपकारी हैं। ताड़ी का सिरका भी पड़ता है। वैद्यक में ताड़ का रस कफ, पित्त, दाह और शोथ को दूर करने वाला और कफ, वात, कृमि, कुष्ठ औक रक्तपित नाशक माना जाता है। ताड़ ऊँचाई के लिए प्रसिद्ध है। कोई-कोई पेड़ तीस, चालीस हाथ तक ऊँचे होते है, पर घेरा किसी का 6-7 बित्ते से अधिक नहीं होता।उदाहरण
. वह ताड़ से ताड़ी उतार रहा है। - ताड़न, प्रहार
- शब्द, ध्वनि, आवाज़, धमाका
- घास, अनाज के डंठल आदि की अँटिया डो मुट्ठी में आ जाए, जुट्टी, पूला
- हाथ का एक गहना
- मूर्ति-निर्माण विद्या में मूर्ति के ऊपरी भाग का नाम
- पहाड़, पर्वत
हिंदी ; संज्ञा, स्त्रीलिंग
- ताड़ने (अर्थात् दूर से देखकर जानने या भाँपने) की क्रिया या भाव
ताड़ के पर्यायवाची शब्द
संपूर्ण देखिएताड़ के यौगिक शब्द
संपूर्ण देखिएताड़ के अंगिका अर्थ
ताड़
क्रिया
- हटाना, टालना (सं.पु.) एक वृक्ष जिसके रस से ताडी लगता है
ताड़ के अवधी अर्थ
संज्ञा
- ताड़ का पेड़
ताड़ के कन्नौजी अर्थ
ताड़
संज्ञा, पुल्लिंग
- एक लम्बा वृक्ष, जिसमें शाखाएँ नहीं होतीं, सिर्फ सिरे पर पत्तियाँ होती हैं, इससे निकलने वाला द्रव्य मादक होता है
ताड़ के गढ़वाली अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- भूमि जो पहली बार तोड़कर कृषि योग्य बनायी गयी हो
Noun, Masculine
- newly prepared land for cultivation
ताड़ के ब्रज अर्थ
सकर्मक क्रिया, सकर्मक
-
भाँपना, जानना
उदाहरण
. कोउ दसननि दल अधर बिंब गोविंदहि ताड़ति। - मारना-पीटना, दंडित करना
ताड़ के मगही अर्थ
संस्कृत ; संज्ञा
- बिना शाखाओं वाला बहुत लंबा-ऊँचा एक पेड़ जिसके अंतिम छोर पर पत्ते होते हैं
- उस पेड़ का फल, तार, ताल
ताड़ के मालवी अर्थ
ताड़
संज्ञा, पुल्लिंग
- ताड़ का वृक्ष।
ताड़ के तुकांत शब्द
संपूर्ण देखिए
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