टाँड़

टाँड़ के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

टाँड़ के मगही अर्थ

संज्ञा

  • (ताड़); कम उपजाऊ या ऊसर जमीन; ऊँची परीत भूमि; पहाड़ी जमीन जिसमें फसल नहीं लगती

टाँड़ के हिंदी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • लकड़ी के खंभों पर या दो दीवारों के बीच लकड़ी की पटरियाँ या बाँस के लट्ठे ठहरा कर बनाई हुई पाटन जिसपर चीज असबाब रखते हैं, परछती
  • मचान जिसपर बैठकर खेत की रखवाली करते हैं
  • गुल्ली डंडे के खेल में गुल्ली पर डंडे का आघात, टोला, क्रि॰ प्र॰—मारना, —लगाना

टाँड़ के अवधी अर्थ

संज्ञा

  • डंडे से गुल्ली (दे') पर की हुई चोट

संज्ञा

  • (२) लकड़ी का छोटा आला

टाँड़ के कन्नौजी अर्थ

टाँड़

संज्ञा, पुल्लिंग

  • मचान. 2. सामान रखने के लिए बनी हुई लकड़ी की या ईंट का पाटन

टाँड़ के भोजपुरी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • अनुर्वर भूमि, टापड़, रापड़;

Noun, Masculine

  • barren soil.

टाँड़ के मैथिली अर्थ

  • बाँहिक एक गहना
  • दे. पराँत
  • arm-ring.

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